चाबहार से ईरान-भारत संबंध होंगे मजबूत : रुहानी
भारत को पाकिस्तान के बाहर-बाहर अफगानिस्तान तक पहुंचने का सामुद्रिक व थल मार्ग मिलेगातेहरान. ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने बुधवार को कहा कि चाबहार बंदरगाह के विकास में भारत के सहयोग से दोनों देशों के संबंधों में एक नये अध्याय की शुरुआत होगी. उन्होंने खनिज तेल भंडार से संपन्न अपने देश के बुनियादी ढांचे […]
भारत को पाकिस्तान के बाहर-बाहर अफगानिस्तान तक पहुंचने का सामुद्रिक व थल मार्ग मिलेगातेहरान. ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने बुधवार को कहा कि चाबहार बंदरगाह के विकास में भारत के सहयोग से दोनों देशों के संबंधों में एक नये अध्याय की शुरुआत होगी. उन्होंने खनिज तेल भंडार से संपन्न अपने देश के बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए भारतीय निवेशकों को आमंत्रित किया. रुहानी ने ईरान यात्रा पर आये भारतीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ यहां मुलाकात के समय यह बात कही. गडकरी ने उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक संदेश भी सौंपा. गडकरी की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच चाबहार बंदरगाह के विकास में सहयोग का करार होने की उम्मीद है. गडकरी ने दोनों देशों के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत चाबहार बंदगाह के विकास में ईरान सरकार के साथ सहयोग करने को पूरी तरह से तैयार है. चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिण-पूर्वी तट पर सिस्तान-बलुचिस्तान प्रांत में स्थित है. भारत के लिए इसकी उपयोगिता बहुत अधिक है, क्योंकि इसके रास्ते भारत को पाकिस्तान के बाहर-बाहर अफगानिस्तान तक पहुंचने का एक सामुद्रिक और थल मार्ग मिल जायेगा. इस बंदरगाह से भारत के लिए मध्य एशिया और खाड़ी के अन्य देशों तक माल पहुंचाने की लगात और समय में एक तिहाई बचत होगी. रुहानी ने गडकरी के साथ अपनी बैठक में दोनों देशों के प्राचीन और ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि नि:संदेह पारस्परिक सहयेाग का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ाया जा सकता है.