अनगड़ा के पहाड़ों का अस्तित्व संकट में

हो रहा है अवैध उत्खनन जंगलों व पहाड़ों के बीच चल रहे हैं क्रशर रांची : पत्थर के अवैध उत्खनन के कारण अनगड़ा प्रखंड के पहाड़ों का अस्तित्व भी संकट में है़ प्रखंड के अनगड़ा, नवागढ़, सोसो, कुच्चु, चतरा, गेतलसुद, जोन्हा, लेप्सर, रूपड़ु व जीदु में जंगलों एवं पहाड़ों के बीच अवैध रूप से क्रशर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2015 6:55 AM
हो रहा है अवैध उत्खनन
जंगलों व पहाड़ों के बीच चल रहे हैं क्रशर
रांची : पत्थर के अवैध उत्खनन के कारण अनगड़ा प्रखंड के पहाड़ों का अस्तित्व भी संकट में है़ प्रखंड के अनगड़ा, नवागढ़, सोसो, कुच्चु, चतरा, गेतलसुद, जोन्हा, लेप्सर, रूपड़ु व जीदु में जंगलों एवं पहाड़ों के बीच अवैध रूप से क्रशर चल रहे हैं. क्रशर मालिकों के पास न तो माइनिंग लीज है और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी़ सरकार व हाइकोर्ट का निर्देश है कि कोई भी क्रशर वन क्षेत्र से कम से कम दो किमी की दूरी पर होना चाहिए, पर यहां तो वनों के भीतर ही क्रशर चल रहे हैं.
इन अवैध क्रशर से पहाड़ों को काट कर पत्थर तोड़े जा रहे हैं. यह काम संगठित रूप से किया जा रहा है. इससे जहां एक ओर सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की क्षति हो रही है, वहीं पहाड़ों का अस्तित्व भी समाप्त हो रहा है. जिंटूपीढ़ी तथा ओवर की पहाड़ी लगभग समतल हो गयी है. कई जगह तो गहरी खदान बना कर उसे ऐसे ही छोड़ दिया गया है. यहां अक्सर मवेशी गिरते रहते हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार, गेतलसूद डैम के निचले इलाके में करीब आधा किमी की दूरी पर पत्थर तोड़ने के लिए विस्फोट किये जाते है. बनादाग के इस इलाके की तसवीरें यहां दी जा रही है. देखा जा सकता है कि पत्थर माफिया पहाड़ों को कैसे तोड़ रहे हैं. दरअसल टाटीसिलवे, अनगड़ा व सिकिदरी इलाके में 50 से 60 अवैध क्रशर चल रहे हैं.

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