सरकारी स्कूलों में सीबीएसइ की तरह होगा मूल्यांकन

शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को भेजा मूल्यांकन का प्रारूप उपस्थिति, बोलने व लिखने की क्षमता पर भी मिलेगा अंक रांची : राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के बच्चों का मूल्यांकन भी सीबीएसइ स्कूलों के तर्ज पर होगा. सरकारी विद्यालयों के बच्चों का भी सतत व समग्र मूल्यांकन (सीसीइ) किया जायेगा. मानव संसाधन विकास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2015 6:57 AM
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को भेजा मूल्यांकन का प्रारूप
उपस्थिति, बोलने व लिखने की क्षमता पर भी मिलेगा अंक
रांची : राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के बच्चों का मूल्यांकन भी सीबीएसइ स्कूलों के तर्ज पर होगा. सरकारी विद्यालयों के बच्चों का भी सतत व समग्र मूल्यांकन (सीसीइ) किया जायेगा.
मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा इस आशय का दिशा-निर्देश जारी किया गया है. इसमें बच्चों के सीखने के सभी पक्षों पर ध्यान दिया जायेगा. सतत व समग्र मूल्यांकन की प्रक्रिया शैक्षणिक सत्र 2015-16 से प्रभावी होगी. इसके तहत कक्षा में शिक्षण के साथ-साथ विषयवस्तु का निरंतर मूल्यांकन किया जायेगा.
बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा विभिन्न कौशल, भावनात्मक और क्रियात्मक गतिविधियों का मूल्यांकन किया जायेगा. बच्चों की रचनात्मकता का भी मूल्यांकन किया जायेगा. एक निश्चित अंतराल पर किसी कक्षा के पाठय़क्रम के किसी विषय में बच्चों की प्राप्त जानकारी की जांच की जायेगी. मूल्यांकन की प्रक्रिया के तहत पूरे वर्ष को दो सत्रों में बांटा गया है.
फस्र्ट टर्म के तहत मई, जुलाई व सितंबर में मूल्यांकन किया जायेगा. सेकेंड टर्म के तहत नवंबर, जनवरी व मार्च में मूल्यांकन किया जायेगा.
पाठय़क्रम के अलावा कक्षा एक से तीन तक प्रत्येक सप्ताह अलग-अलग विषयों में बच्चों की क्षमता का मूल्यांकन किया जाना है. इसके तहत हिंदी-अंगरेजी में सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना, सुलेख, उच्चरण, शब्द बनाना, चित्र की पहचान व गणित में अंकों के बनाना, लिखना, समझना, जोड़ना व अन्य गतिविधि पर मूल्यांकन किया जायेगा.
90 फीसदी समान ए प्लस ग्रेड
मूल्यांकन में 90 से 100 फीसदी अंक प्राप्त करनेवाले विद्यार्थी को ए प्लस ग्रेड, 75 से 89 फीसदी अंक के लिए ए, 56 से 74 फीसदी अंक वाले को बी, 35 से 55 फीसदी अंक वाले बच्चे को सी ग्रेड मिलेगा. 35 फीसदी से नीचे अंक वाले विद्यार्थी का ग्रेड डी मिलेगा. डी ग्रेड वाले को और बेहतर करने का अवसर दिया जायेगा.
साफ-सफाई पर भी मिलेगा अंक
सतत व समग्र मूल्यांकन के तहत बच्चों की कक्षा में उपस्थिति, अनुशासन व शिष्टाचार, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, खेलकूद में रुचि के आधार पर बच्चों की ग्रेडिंग की जायेगी. मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा मूल्यांकन के लिए विस्तृत प्रारूप तैयार किया गया है. मूल्यांकन का प्रारूप सभी जिलों को भेज दिया गया है. प्रारूप सभी विद्यालयों को उपलब्ध कराया जायेगा.

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