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झारखंड में अब तक 43 फीसदी बच्चों को ही मिली पोशाक राशि, सभी को नयी पोशाक उपलब्ध कराने का निर्देश

झारखंड राज्य स्थापना दिवस (Jharkhand State Foundation Day) 15 नवंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सरकारी स्कूलों के बच्चों को नयी पोशाक पहन कर शामिल होना है. इसके मद्देनजर उक्त तिथि तक सभी बच्चों को नयी पोशाक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2022 10:26 AM

Ranchi News: झारखंड राज्य स्थापना दिवस (15 नवंबर) पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सरकारी स्कूलों के बच्चों को नयी पोशाक पहन कर शामिल होना है. इसके मद्देनजर उक्त तिथि तक सभी बच्चों को नयी पोशाक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं. सभी जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को शपथ पत्र देकर यह बताना होगा कि उनके जिले के सभी बच्चे 15 नवंबर तक नयी पोशाक में विद्यालय आने लगे हैं.

छह जिलों में बांटी गयी 60 फीसदी राशि

पूर्वी सिंहभूम, दुमका, खूंटी, गढ़वा, सरायकेला-खरसावां एवं रामगढ़ में 60 फीसदी बच्चों को पोशाक की राशि दी गयी है. गिरिडीह, गुमला, पलामू में 23 फीसदी, कोडरमा में 22 फीसदी, गोड्डा में 15 फीसदी, साहिबगंज में 14 फीसदी बच्चों को पोशाक की राशि मिली है.

अब भी 41 फीसदी बच्चों का नहीं है बैंक खाता

पोशाक के लिए राशि बच्चों के बैंक खाता में ट्रांसफर किया जाना है, लेकिन 41 फीसदी बच्चों के पास बैंक खाता नहीं है. इस कारण पोशाक की राशि नहीं मिल पा रही है. सभी जिलों को बच्चों का बैंक खाता खुलवाने का निर्देश दिया गया है. बैंक के साथ-साथ पोस्ट ऑफिस में भी खाता खोलने को कहा गया है.

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उपवास पर रहे वित्तरहित स्कूल-कॉलेज के शिक्षक

राज्य के वित्तरहित हाइस्कूल व इंटर कॉलेज के शिक्षक रविवार को सामूहिक उपवास पर रहे. झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के रघुनाथ सिंह ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. मोर्चा अपनी मांगों को लेकर नौ अक्तूबर को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के आवास का घेराव करेगा. वर्ष 2019 में इंटर कॉलेज के शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा नियमावली का ड्राफ्ट शिक्षा विभाग को भेजा गया था. लेकिन, विभाग ने नियमावली बनाने की प्रक्रिया रद्द कर दी. उन्होंने कहा कि स्कूल व कॉलेज के शिक्षकों को मिलने वाली अनुदान राशि काफी कम है.

शिक्षकों को तीन से चार हजार रुपये मिलता है मानदेय

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