भारत में नौकरी, कर्ज देने में भेदभाव
नयी दिल्ली. एक अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में रोजगार व ऋण देने के मामले में धार्मिक व लिंग के आधार पर भेदभाव किया जाता है. यह सर्वे वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता मास्टरकार्ड ने किया है. इसके अनुसार भारत में 58 प्रतिशत भागीदारों ने कहा है,’ लिंगभेद के चलते उन्हें ऋण, बचत […]
नयी दिल्ली. एक अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत में रोजगार व ऋण देने के मामले में धार्मिक व लिंग के आधार पर भेदभाव किया जाता है. यह सर्वे वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता मास्टरकार्ड ने किया है. इसके अनुसार भारत में 58 प्रतिशत भागीदारों ने कहा है,’ लिंगभेद के चलते उन्हें ऋण, बचत तथा रोजगार हासिल करने में कठिनाई होती है.’ वैश्विक स्तर पर 33 प्रतिशत लोगों ने ही यह राय जतायी है. इसके अलावा,’58 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अपनी जाति या धर्म के कारण उन्हें नौकरी या ऋण पाने में दिक्कत होती है.’ वैश्विक स्तर पर यह औसत 28 प्रतिशत है. यह सर्वेक्षण ऐसे समय में आया है जबकि केंद्र सरकार वित्तीय समावेशन पर जोर दे रही है.