रांचीः झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के अध्यक्ष देवाशीष गुप्ता ने वीसी व प्रोवीसी की नियुक्ति के लिए राज्यपाल सह कुलाधिपति द्वारा बनायी गयी सर्च कमेटी में रहने में अपनी समर्थता जाहिर की है. श्री गुप्ता ने कमेटी से अलग रखने संबंधी अपना आग्रह पत्र राज्यपाल सह कुलाधिपति को भेज दिया है.
श्री गुप्ता की जगह अब एक शिक्षाविद को कमेटी का सदस्य बनाये जाने की संभावना है. मालूम हो कि कुलाधिपति द्वारा गठित सर्च कमेटी के अध्यक्ष झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डीएन पटेल बनाये गये हैं.जबकि सदस्य के रूप में राज्य के मुख्य सचिव आरएस शर्मा व जेपीएससी के अध्यक्ष देवाशीष गुप्ता को रखा गया है. यह सर्च कमेटी विनोबा भावे विवि में वीसी व प्रोवीसी तथा सिदो-कान्हू मुरमू विवि में वीसी की नियुक्ति के लिए बनायी गयी है.
कमेटी द्वारा योग्य उम्मीदवारों से आवेदन भी मंगाये हैं. विभिन्न स्रोतों से लगभग 198 आवेदन आ चुके हैं. इधर वीसी/प्रोवीसी की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगस्त 2013 में दिये गये आदेश से झारखंड में भी चयन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वीसी के पद पर उच्च योग्यता, ईमानदार, नैतिक व शिक्षाविद को नियुक्त किया जाना चाहिए. उसे कम से कम विवि में प्रोफेसर के पद पर या शोध संस्थानों में या फिर शैक्षणिक प्रशासनिक संस्थानों में 10 साल तक काम करने का अनुभव हो. वीसी की नियुक्ति यूजीसी के मापदंड के अनुरूप सर्च कमेटी द्वारा की जाये. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रसिद्ध लोगों को सर्च कमेटी का सदस्य बनाया जाना चाहिए.
इन सदस्यों का संबंधित विवि से कोई संबंध नहीं होना चाहिए. सर्च कमेटी द्वारा पैनल तैयार कर राज्यपाल को भेजे जाते वक्त शैक्षणिक योग्यता, उच्च शिक्षा, अनुभव, प्रशासनिक अनुभव आदि का विस्तृत उल्लेख किया जाना चाहिए.