गरीबों-महिलाओं की योजना का पैसा सरेंडर
रांची : राज्य सरकार गरीब व महिला कल्याण के लिए मिले पैसे भी खर्च नहीं कर पाती है. एजी ने अपनी ऑडिट में पाया कि संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन व इसकी मॉनीटरिंग के अभाव में मार्च के बाद योजना मद के पैसे बचे रह जाते हैं. बालिकाओं-महिलाओं के लिए किशोरी शक्ति योजना, बालिका सशक्तीकरण योजना, […]
रांची : राज्य सरकार गरीब व महिला कल्याण के लिए मिले पैसे भी खर्च नहीं कर पाती है. एजी ने अपनी ऑडिट में पाया कि संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन व इसकी मॉनीटरिंग के अभाव में मार्च के बाद योजना मद के पैसे बचे रह जाते हैं.
बालिकाओं-महिलाओं के लिए किशोरी शक्ति योजना, बालिका सशक्तीकरण योजना, मातृत्व सहयोग योजना तथा महिला किशोरी दक्षता विकास जैसे कार्यक्रमों के पैसे वित्तीय वर्ष 2013-14 में सरेंडर हो गये.
उधर गरीबों के लिए संचालित मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना, मुख्यमंत्री दाल-भात योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना व इंदिरा आवास योजना के पैसे भी सरेंडर हो गये. यही नहीं विकलांगों की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना तथा ग्रामीण रोजगार के लिए चल रही स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना का फंड भी सौ फीसदी खर्च नहीं हो सका.
गरीब परिवार की बच्चियों के लिए संचालित मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना तक के पैसे बच जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. उपरोक्त में से महिला-किशोरी दक्षता विकास की तो पूरी राशि (तीन करोड़ रुपये) सरेंडर हो गयी थी. जनहित से जुड़े इन कार्यक्रमों में लाभुकों की कम संख्या होने पर भी सवाल उठते रहे हैं.