चतरा पुलिस को थी सूचना, मारा जायेगा रवींद्र गंझू

सुरजीत सिंह रांची : चतरा पुलिस को पहले से पता था कि माओवादी कुंदा के लकड़मंदा में रवींद्र गंझू की हत्या कर देंगे. पुलिस को रवींद्र गंझू के अलावा एक और व्यक्ति की हत्या किये जाने की सूचना मिली थी. स्पेशल ब्रांच की इस सूचना पर चतरा पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2015 6:50 AM
सुरजीत सिंह
रांची : चतरा पुलिस को पहले से पता था कि माओवादी कुंदा के लकड़मंदा में रवींद्र गंझू की हत्या कर देंगे. पुलिस को रवींद्र गंझू के अलावा एक और व्यक्ति की हत्या किये जाने की सूचना मिली थी. स्पेशल ब्रांच की इस सूचना पर चतरा पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
पुलिस ने कार्रवाई भी की, तो यह काफी नहीं थी. हत्या होने के 72 घंटे के बाद तक पुलिस रवींद्र गंझू के शव तक नहीं पहुंच सकी. ग्रामीणों ने अपने स्तर से रवींद्र गंझू का दाह-संस्कार कर दिया. वहीं, नक्सली लकड़मंदा व छह गांवों को 72 घंटे तक घेरे रखा. पुलिस मुख्यालय के अफसर इसे पुलिस की बड़ी विफलता मान रहे हैं.
माओवादियों ने छह मई की रात लकड़मंदा गांव को घेर कर रवींद्र गंझू की हत्या कर दी. माओवादियों ने उस पर पुलिस और टीपीसी के लिए काम करने का आरोप लगाया था. रवींद्र टंडवा स्थित सीसीएल की आम्रपाली परियोजना में काम करता था. घटना के 10 दिन पहले ही घर आया था. घटना के बाद नक्सलियों ने शनिवार तक 72 घंटे छह गांवों को घेरे रखा.
कुंदा क्षेत्र में रवींद्र गंझू की हत्या होगी, क्या चतरा पुलिस को इसकी सूचना पूर्व से थी?
सूचना थी, पर स्पेशफिक नहीं. सूचना यह थी कि माओवादी और टीपीसी के लोग एक-दूसरे को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इस तरह कुछ के नाम का जिक्र कर खतरा होने की सूचना थी.
अगर चतरा पुलिस को सूचना थी, तो हत्या होने से पहले पुलिस ने क्या कार्रवाई की ?
अभियान जारी है. जिस व्यक्ति पर हमले की सूचना थी, उस व्यक्ति को बता दिया गया था. सतर्क रहने और अलग हट जाने के लिए कहा गया था.
घटना के 72 घंटे बाद तक पुलिस शव को बरामद करने में क्यों सफल नहीं हो पायी ?
यह बात पूरी तरह गलत है.
पुलिस गांव तक पहुंची थी. घटना के 24 घंटे तक नक्सली पुलिस के आने का इंतजार कर रहे थे. इसके बाद पुलिस गयी थी. जहां तक रवींद्र गंझू के शव की बात है, तो गांववालों ने परंपरा का हवाला देते हुए शव लेने नहीं दिया.

Next Article

Exit mobile version