इपीएफ व एनपीएस के चयन के खिलाफ हैं ट्रेड यूनियनें

एजेंसियां, नयी दिल्लीट्रेड यूनियनों ने संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सरकार के उस प्रस्ताव का मंगलवार को पुरजोर विरोध किया, जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि तथा नयी पेंशन योजना (एनपीएस) के बीच चुनने का विकल्प देने की बात कही गयी है. यूनियन का कहना है कि एनपीएस में लाभ के बारे में निश्चित रूप से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2015 6:03 PM

एजेंसियां, नयी दिल्लीट्रेड यूनियनों ने संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सरकार के उस प्रस्ताव का मंगलवार को पुरजोर विरोध किया, जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि तथा नयी पेंशन योजना (एनपीएस) के बीच चुनने का विकल्प देने की बात कही गयी है. यूनियन का कहना है कि एनपीएस में लाभ के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता. भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) समेत ट्रेड यूनियनों ने सरकार ने सबसे पहले यह विकल्प सरकारी कर्मचारियों को देने को कहा है, जो एनपीएस के अंतर्गत आते हैं.श्रम मंत्रालय द्वारा बुलायी गयी अनौपचारिक बैठक के बाद बीएमएस के क्षेत्रीय संगठन सचिव पवन कुमार ने कहा कि हमने उनसे पूछा है कि एनपीएस कैसे कर्मचारी भविष्य निधि संठन (इपीएफओ) द्वारा संचालित इपीएफ से बेहतर है. उनका जवाब संतोषजनक नहीं था. उन्होंने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि योजना में इपीएफ, पेंशन, बीमा, विधवा पेंशन, संतान को मिलनेवाला पेंशन जैसे निश्चित लाभ हैं. एनपीएस के साथ ऐसा नहीं है. यह प्रस्ताव श्रम मंत्रालय के कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान कानून, 1952 में व्यापक रूप से संशोधन के कदम का हिस्सा है. ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव डीएल सचदेव ने कहा कि दोनों योजनाओं की तुलना नहीं की जा सकती है, क्योंकि ईपीएफ योजना में निश्चित योगदान और निश्चित लाभ है. एनपीएस बचत योजना है, जिसकी तुलना इपीएफ जैसी सामाजिक सुरक्षा योजना से नहीं की जा सकती.

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