‘गुड लैब प्रैक्टिसिज’ पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

अलीगढ़. मंगलायतन विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान, आगरा के संयुक्त तत्वावधान में ‘गुड लैब प्रैक्टिसिज’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गयी. मंगलवार को इसका समापन हो गया. कार्यशाला में विशेषज्ञों ने शोधार्थियों को शोध प्रक्रिया के दौरान बरती जानेवाली सावधानियों के बारे में विस्तार से बताते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2015 10:04 PM

अलीगढ़. मंगलायतन विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान, आगरा के संयुक्त तत्वावधान में ‘गुड लैब प्रैक्टिसिज’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गयी. मंगलवार को इसका समापन हो गया. कार्यशाला में विशेषज्ञों ने शोधार्थियों को शोध प्रक्रिया के दौरान बरती जानेवाली सावधानियों के बारे में विस्तार से बताते हुए नैतिक दायित्वों के निवर्हन का आह्वान किया. उदघाटन समारोह में जालमा के निदेशक डॉ श्रीकांत प्रसाद त्रिपाठी ने ‘पब्लिकेशंस एथिक्स’ पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि शोधार्थियों को गहन अध्ययन के बाद शोध विषय को चुनना चाहिए. इसके बाद टीम वर्क के आधार पर इसका प्रोटोकल तैयार किया जाये. शोध के दौरान एकत्रित आंकड़ों का सावधानीपूर्वक अध्ययन कर उनके सांख्यिकीय पद्घति पर आधारित निष्कर्ष प्रस्तुत किये जाने चाहिए. उन्होंने शोध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनैतिक प्रक्रियाओं के अपनाये जाने संबंधी उदाहरण प्रस्तुत करते हुए शोधार्थियों को इससे बचाव के उपाय बताये. कार्यशाला का आयोजन वैज्ञानिक डॉ अजय वीर सिंह, डॉ विजय कुमार, डॉ गजेंद्र बहादुर सिंह और डॉ पीएस मोहंती के निर्देशन में किया गया. मौके पर डॉ गौरव मुद्गल, डॉ गौरव चौधरी, डॉ प्रज्ञा शर्मा, डॉ प्रवीन पचौरी, मोहित कमथानिया, पवन शर्मा, दिव्या गुप्ता, अंकित सिंह, अंकुर भारद्वाज आदि उपस्थित रहे.

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