धनबाद-जमशेदपुर की सिटी बसें भी राजधानी में चलेंगी
रांची: राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए धनबाद व जमशेदपुर की सिटी बसों को रांची लाये जाने की तैयारी है. बस परिचालन कर रही एजेंसी केएम ट्रेवल्स ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है. एजेंसी जल्द ही इस प्रस्ताव को निगम व सरकार के समक्ष रखेगी. एजेंसी के प्रस्ताव को अगर मंजूरी […]
रांची: राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए धनबाद व जमशेदपुर की सिटी बसों को रांची लाये जाने की तैयारी है. बस परिचालन कर रही एजेंसी केएम ट्रेवल्स ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है. एजेंसी जल्द ही इस प्रस्ताव को निगम व सरकार के समक्ष रखेगी. एजेंसी के प्रस्ताव को अगर मंजूरी मिल गयी, तो राजधानी में सिटी बसों की संख्या 70 से बढ़ कर 190 हो जायेगी.
धनबाद-जमशेदपुर में नहीं चल रही है बसें : जेएनएनयूआरएम योजना के तहत राज्य सरकार ने वर्ष 2009 में 190 सिटी बसों की खरीदारी की. बस खरीदारी के पश्चात रांची नगर निगम को 70 बसें, धनबाद नगर निगम को 70 बसें व जमशेदपुर को 50 बसें दी गयीं. बाद में इन बसों के परिचालन कार्य का जिम्मा जेटीडीसी को दे दिया गया. जेटीडीसी ने भी कर्मचारियों की कमी को देखते हुए बसों के परिचालन कार्य का जिम्मा थर्ड पार्टी को दे दिया. इसके बाद रांची में तो बसों का परिचालन होता रहा, परंतु जमशेदपुर व धनबाद में बसों का परिचालन पूरी तरह से बंद हो गया. आज आठ माह होने को हैं, पर जमशेदपुर व धनबाद में इन बसों का परिचालन कार्य पूरी तरह से बंद है.
वर्तमान समय में धनबाद व जमशेदपुर में बसों का परिचालन पूरी तरह से ठप है. हमारा प्रयास है कि इन बसों का परिचालन हो. अगर ये बसें हमें मिलती हैं, तो हम इन बसों को राजधानी रांची में व्यवस्थित तरीके से चलायेंगे.
किशोर मंत्री, संचालक केएम ट्रेवल्स
बसें मिलीं तो यह होगा फायदा
वर्तमान में एक सिटी बस में यात्रियों को ढोने की क्षमता 32 के आसपास है, जबकि एक ऑटो में आठ यात्री ही बैठ सकते हैं. इस प्रकार से एक बस में चार ऑटो के सवारी सफर कर सकते हैं. 190 बसों में यह संख्या 760 ऑटो के बराबर हो जायेगी. इससे जहां सड़क पर वाहनों का लोड कम होगा, वहीं ऑटो चालकों की मनमानी पर भी लगाम लगेगी. वर्तमान में शहर के हर कोने में ऑटो की पहुंच नहीं है. जबकि सिटी बसों को रूट वाइज चलाये जाने से शहर के हर कोने में रहने वाले लोगों को इससे फायदा होगा.