गैरकानूनी बांग्लादेशियों का मामला

नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी बांग्लादेशियों के मामले में ‘ढुलमुल रवैया’ अपनाने के लिए बुधवार को केंद्र और असम सरकार को आड़े हाथ हेते हुए राज्य में भारत-बांग्ला सीमा के जरिये गैरकानूनी तरीके से बांग्लादेशियों की घुसपैठ रोकने के बारे में किये गये उपायों पर उनके हलफनामे अस्वीकार कर दिये. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2015 9:03 PM

नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी बांग्लादेशियों के मामले में ‘ढुलमुल रवैया’ अपनाने के लिए बुधवार को केंद्र और असम सरकार को आड़े हाथ हेते हुए राज्य में भारत-बांग्ला सीमा के जरिये गैरकानूनी तरीके से बांग्लादेशियों की घुसपैठ रोकने के बारे में किये गये उपायों पर उनके हलफनामे अस्वीकार कर दिये. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की खंडपीठ ने कहा, ‘हमने आपका (गृह मंत्रालय) जवाब (हलफनामा) और राज्य का जवाब देखा है. हमें यही आभास हो रहा है कि आप दोनों ही ढुलमुल रवैया अपना रहे हैं.’ इसके बाद, न्यायालय ने असम के क्षेत्र में भारत-बांग्ला सीमा पर बाड़ और सुरक्षा बंदोबस्त की पुष्टि के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता उपमन्यु हजारिका को न्यायालय का कमिश्नर नियुक्त करते हुए कहा कि वह वस्तुस्थिति की पुष्टि कर 30 जून तक अपनी रिपोर्ट पेश करें. न्यायालय ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि हजारिका को इस काम के लिए पांच लाख रुपये का भुगतान किया जाये. साथ ही न्यायालय ने गृह मंत्रालय और भारत के महापंजीयक को 14 जुलाई तक अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

Next Article

Exit mobile version