रांची : राज्य में अब सड़कों की योजना रोड कनेक्टिविटी, पर्यटन, व्यापार, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, धार्मिक स्थलों को ध्यान में रख कर तैयार की जा रही है. योजना तय करने के पहले उसकी महत्ता पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इसके बाद ही योजनाएं तय की जा रही हैं. पहली बार मुख्य सचिव की पहल पर योजनाएं तय करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव हुआ है.
योजनाएं तय करने के लिए एक कमेटी भी बनायी गयी है. इस कमेटी में मुख्य सचिव बतौर अध्यक्ष हैं, जबकि विकास आयुक्त, पथ सचिव, वित्त सचिव, योजना सचिव भी सदस्य के रूप में हैं. योजनाएं ली जानी है या नहीं, यह इसी कमेटी के माध्यम से तय की जा रही है.
विभाग को योजना तय कर यह बताना होगा कि इसकी महत्ता क्या है. इसके आधार पर ही कमेटी इसे पास करेगी. इसके बाद ही योजनाएं स्वीकृति होने के लिए मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद में जायेगी. इसकी प्रक्रिया के तहत योजनाओं की स्वीकृति हो रही है.
मुख्य सचिव ने दिया है निर्देश
पूर्व में प्रमंडलों द्वारा योजनाओं का चयन करके भी मुख्यालय भेज दिया जाता था. यानी प्रमंडल तय करता था कि किन योजनाओं का क्रियान्वयन करना है. इस पर मुख्य सचिव ने स्पष्ट कर दिया है कि योजना चयन में प्रमंडल से कोई खास मतलब न हो. योजना का चयन ऐसे हो, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले. मुख्य सचिव ने इसके लिए दीर्घकालीन योजनाएं तैयार करने को कहा है. उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस रणनीति के योजनाओं का क्रियान्वयन न करें, बल्कि राज्य के विकास का एक खाका तैयार कर लें. रोड मैप तैयार करके ही सड़कों का चयन किया जाये.
राष्ट्रीय औसत पर पहुंचने का लक्ष्य
झारखंड को सड़कों के मामले में राष्ट्रीय औसत तक पहुंचाने की दिशा में कार्रवाई करने को कहा गया है. इसके लिए करीब 3000 किमी लंबी सड़क की योजना तैयार होगी. ग्रामीण सड़कों को अपने अधीन लेकर काम कराया जायेगा. इस पर वर्षवार काम होगा.
महत्वपूर्ण सड़कें टू लेन होंगी
पथ निर्माण विभाग विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों से जुड़ने वाली सड़कों को टू लेन करने की योजना तैयार कर रहा है. वहीं औद्योगिक क्षेत्रों के साथ ही पर्यटन, धार्मिक स्थलों को भी ध्यान में रख कर संकीर्ण सड़कों को टू लेन करने की योजना है.