अपहरण के मामले में लापरवाह रही है पुलिस
रांची : अपहरण के मामलों में रांची पुलिस हमेशा से ही लापरवाह रही है. कुछ मामलों को छोड़ अधिकतर मामले में इसका खामियाजा अपहृत को जान देकर चुकाना पड़ा है. पुलिस हर बार अपहरण के मामले को प्रेम प्रसंग, जमीन कारोबार या पारिवारिक समस्या से जोड़ कर देखती है. इस कारण शुरू में जो अनुसंधान […]
रांची : अपहरण के मामलों में रांची पुलिस हमेशा से ही लापरवाह रही है. कुछ मामलों को छोड़ अधिकतर मामले में इसका खामियाजा अपहृत को जान देकर चुकाना पड़ा है. पुलिस हर बार अपहरण के मामले को प्रेम प्रसंग, जमीन कारोबार या पारिवारिक समस्या से जोड़ कर देखती है.
इस कारण शुरू में जो अनुसंधान होना चाहिए, वह नहीं हो पाता है. पुलिस तब सक्रिय होती है, जब फिरौती की रकम मांगी जाती है. हाल के दिनों में ऐसे कुछ मामले सामने आये हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पुलिस कैसे किसी के गायब होने से संबंधित सूचना मिलने पर तुरंत सक्रिय नहीं होती.
जब परिजन अपने नजदीकी के गायब होने के संबंध में जानकारी देते हैं, तब पुलिस सबसे पहले परिजन से यह कह पल्ला झाड़ते हैं कि कहीं चले गये होंगे. वापस आ जायेंगे. परिजनों और रिश्तेदारों से पता कर लीजिए.
जब परिजन गायब व्यक्ति को तलाशने के लिए पुलिस से अनुरोध करते हैं, तब परिजनों से कहा जाता है लिख कर दीजिए. हम देखते हैं क्या हो सकता है. यदि शिकायतकर्ता पहुंचवाला होता है, तभी पुलिस गायब व्यक्ति/ महिला के मोबाइल नंबर का कॉल डिटेल रिकॉर्ड और टावर लोकेशन निकलने का काम शुरू करती है.