श्री यादव ने कहा कि कुछ कर्मचारियों को दैनिक मजदूरी से भी कम मानदेय मिलता है. श्रम विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को मात्र तीन हजार मानदेय प्रतिमाह मिल रहा है. यह श्रम कानून का उल्लंघन है.
राज्य में कार्यरत पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और अन्य क्षेत्र में काम करने वाले लोग मानदेय वृद्धि की लड़ाई लड़ रहे हैं. स्पीकर से कहा है कि वह विधायकों के वेतन वृद्धि के निर्णय का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन छोटे कर्मियों के मानदेय वृद्धि से पहले विधायकों के वेतन बढ़ाये जाने से गलत संदेश जायेगा. इसलिए वह वेतनमान में की गयी वृद्धि को तब तक नहीं लूंगा, जब तक सरकार ऐसे कर्मियों का वेतन नहीं बढ़ती.