सरकार 35 रुपये खरीद रही चीनी

रांची: गरीब परिवारों के लिए राज्य सरकार 35 रुपये प्रति किलो की दर से चीनी खरीदने की तैयारी में है. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित वारना शुगर नामक संस्थान को वर्क ऑर्डर दिया है. वहीं, फिलहाल झारखंड में खुले बाजार में चीनी 30 रुपये किलो मिल रही है. थोक बाजार में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2015 6:34 AM
रांची: गरीब परिवारों के लिए राज्य सरकार 35 रुपये प्रति किलो की दर से चीनी खरीदने की तैयारी में है. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित वारना शुगर नामक संस्थान को वर्क ऑर्डर दिया है. वहीं, फिलहाल झारखंड में खुले बाजार में चीनी 30 रुपये किलो मिल रही है. थोक बाजार में चीनी की कीमत 28 रुपये किलो ही है.
प्रखंडों तक पहुंचायेगी चीनी : वर्क ऑर्डर की शर्तो के अनुसार, वारना शुगर राज्य के सभी प्रखंडों तक चीनी की आपूर्ति करेगी. चीनी को बोरे से निकाल कर एक -एक किलो के प्लास्टिक पैक में उपलब्ध करायेगी. यह चीनी राज्य में गरीबी रेखा के नीचे रहनेवाले परिवारों को दो-दो किलो राशन दुकानों के माध्यम से दी जायेगी. इन परिवारों को एक किलो चीनी के लिए करीब 18 रुपये चुकाने होंगे. वारना शुगर को शेष राशि का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के माध्यम से किया जायेगा.
लेवी चीनी नहीं, अच्छी चीनी के लिए हुआ है टेंडर : झारखंड में राशन कार्ड के जरिये वितरित करने के लिए चीनी की खरीद पहली बार टेंडर के माध्यम से की जा रही है. अब तक राशन में वितरण के लिए केंद्र सरकार राज्यों को लेवी के माध्यम से चीनी उपलब्ध कराती थी. शुगर मिलों को उनके उत्पाद (चीनी) में से कुछ प्रतिशत राज्य सरकार निर्धारित कर देती थी. यह चीनी राज्य सरकारों को लेवी के रूप में मिलती थी. लेवी चीनी राशन दुकानों के जरिये लोगों को आवंटित की जाती थी. लेवी चीनी की गुणवत्ता बढ़ाने और ट्रांसपोटेशन का खर्च कम करने के लिए झारखंड में चीनी की खरीद टेंडर के माध्यम से की जा रही है.
महाराष्ट्र के वारना शुगर नामक संस्थान को वर्क ऑर्डर दिया
बीपीएल परिवारों को दी जानी है
खाद्य-आपूर्ति मंत्री सरयू राय से बातचीत
चीनी की खरीदारी बाजार दर से अधिक कीमत पर हो रही है. आपको जानकारी है?
चीनी की खरीदारी होने के बारे में पता है. अधिक कीमत पर खरीदारी की बात नहीं मालूम. मैंने पूरे झारखंड के थोक बाजार से कीमत लेकर दर निर्धारित करने को कहा था. थोक बाजार के दाम का औसत निकाल कर ही चीनी की कीमत तय की गयी है. पिछले एक साल से थोक मंडी में चीनी की कीमत 30 रुपये से कम है.
संभव है कि थोक मंडी की कीमत का गलत ब्योरा पेश किया गया हो. इस बात की जानकारी लूंगा. मैंने विभाग के अधिकारियों को एल-वन आनेवाली संस्था के साथ नेगोशिएशन करने के निर्देश दिये थे. मुङो बताया गया था कि टेंडर में एल-वन होने के कारण यह संभव नहीं है. बावजूद इसके कंपनी के साथ नेगोसिएशन हुई. 36.75 रुपये प्रति किलो की दर से एल-वन होनेवाली संस्था ने चीनी की कीमत लगभग 35 रुपये तय की. इसमें चीनी को एक -एक किलो के थैले में पैक करने और प्रखंडों तक पहुंचाने का खर्च भी शामिल है.

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