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दिल्ली में झामुमो के नेता राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले, किसान विरोधी नीति खारिज करने कि मांग की

दिल्ली में झामुमो के नेता राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले, की मांग रांची : झामुमो का एक प्रतिनिधिमंडल भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ नयी दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन कर रहे थे. राष्ट्रपति को आठ पेज का एक ज्ञापन भी सौंपा […]

दिल्ली में झामुमो के नेता राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले, की मांग
रांची : झामुमो का एक प्रतिनिधिमंडल भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ नयी दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन कर रहे थे. राष्ट्रपति को आठ पेज का एक ज्ञापन भी सौंपा गया.
ज्ञापन में लिखा गया है कि केंद्र सरकार के किसान विरोधी निर्णयों से पूरे देश के साथ-साथ झारखंड के आदिवासी मूलवासी भी काफी आक्रोशित एवं सशंकित हैं. ज्ञापन में लिखा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के कुछ प्रावधानों को शिथिल करके अध्यादेश लाया गया है.
इसमें भूमि अधिग्रहण में रैयतों की सहमति, सोशल इंपैक्ट असेसमेंट, पांच वर्षो तक अधिग्रहित भूमि के उपयोग न होने पर रैयतों को वापस करने जैसे प्रावधान हटा दिये गये हैं. ये संशोधन किसानों का गला घोंटने तथा पूंजीपतियों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने के लिए किया गया है.
लिखा गया है कि विस्थापन के शिकार आदिवासी-मूलवासी बंगाल, असम, बिहार, पंजाब एवं अन्य पूर्वोतर राज्यों में अमानवीय जीवन जीने के लिए बाध्य है. नये प्रावधान से करोड़ों आदिवासी भूमिहीन हो जायेंगे. प्रतिनिधिमंडल में श्री सोरेन के अलावा हेमंत सोरेन,चंपई सोरेन, विजय हांसदा, जोबा मांझी, विनोद पांडेय. अनिल मुमरू, रवींद्र नाथ महतो, पौलुस सुरीन व अन्य लोग शामिल थे.
कोल इंडिया व डीवीसी का मुख्यालय झारखंड में हो
झामुमो द्वारा कोल इंडिया का मुख्यालय कोलकाता से झारखंड लाने की मांग भी की गयी है. कहा गया है कि कोयला का ज्यादातर हिस्सा झारखंड में है तो फिर मुख्यालय कोलकाता में क्यों है.
वहीं डीवीसी का मुख्यालय भी कोलकाता से झारखंड लाने की मांग की गयी है. कहा गया है कि डीवीसी के बड़े-बड़े डैम के कारण झारखंड के लोग विस्थापित हुए हैं. डीवीसी का अधिकांश उत्पादन केंद्र झारखंड में है तो फिर मुख्यालय कोलकाता में क्यों है.
रैयतों को वापस की जाये उनकी जमीन
झामुमो द्वारा राष्ट्रपति से आग्रह किया गया है कि बंद पड़ी खदानों एवं जहां काम समाप्त हो गया है, उसकी जमीन रैयतों को वापस दिलाने के लिए केंद्र को निर्देश दें. झामुमो द्वारा किसानों के लिए विशेष पैकेज की मांग भी की गयी है. वहीं वन भूमि के अधिग्रहण में ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य करने की मांग भी की गयी है.

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