सरकार ऐसा काम करे कि खुशी से खेतों में जायें किसान : डॉ अब्दुल कलाम
रांची : देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा कि किसानों में जो निराशा का वातावरण है, उसे दूर करने की जरूरत है. वैज्ञानिकों और सरकार को मिल कर ऐसा काम करना चाहिए कि किसान खुशी-खुशी खेतों में जायें. डॉ कलाम मंगलवार को रांची में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पांचवें […]
रांची : देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा कि किसानों में जो निराशा का वातावरण है, उसे दूर करने की जरूरत है. वैज्ञानिकों और सरकार को मिल कर ऐसा काम करना चाहिए कि किसान खुशी-खुशी खेतों में जायें.
डॉ कलाम मंगलवार को रांची में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा : आज हमारे देश में खेत छोटे-छोटे हो गये हैं. इस कारण इसके लिए भी अलग नीति होनी चाहिए. कृषि को सहकारिता आंदोलन से जोड़ कर काम करना चाहिए. इसमें राज्य सरकार व विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है. नये ग्रेजुएट को इस चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए.
कृषि में जेनेटिक तकनीक विकसित हो रही है : उन्होंने कहा : कृषि के क्षेत्र में नयी तकनीक का प्रयोग कैसे हो, इस पर काम होना चाहिए. तकनीक उपज को बढ़ा सकती है. कृषि में जेनेटिक तकनीक विकसित हो रही है. इससे उत्पादन को बढ़ेगा. किसानों को समृद्ध करने के लिए फूड प्रोसेसिंग को भी बढ़ावा दिया जा सकता है. इससे कृषि उत्पादों की कीमत पांच गुना तक बढ़ सकती है.
खुद को सिद्ध करें युवा : पूर्व राष्ट्रपति ने युवाओं से आह्वान किया कि अपने आप को हमेशा सिद्ध करने की कोशिश करें. कुछ ऐसा करें कि जिससे लोग आपको याद रखें. मानव जीवन महत्वपूर्ण है.
इसका इस्तेमाल समाज के लिए होना चाहिए. यह हमारी जिम्मेदारी भी है. उन्होंने कहा : झारखंड जैसे राज्य में बहुफसली पद्धति को बढ़ावा देने के लिए हमेशा प्रयास होना चाहिए. यह राज्य की जरूरत है.
कृषि के क्षेत्र में जल संवर्धन और भूमि संरक्षण का भी महत्व है. डॉ कलाम ने कहा कि किसानों को अच्छा खाद व बीज मिले, यह सरकार को तय करना चाहिए. आर्गेनिक खेती आज की जरूरत है. इस पर सरकार व विवि को नया रास्ता तय करना चाहिए.