7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खेतों तक नहीं पहुंच रही तकनीक : एडीजी

रांची : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के उप-महानिदेशक बीबी सिंह ने कहा है कि कुछ वर्षो से अच्छी-अच्छी वेराइटी विकसित हो रही है. लेकिन, इसका लाभ किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच रहा है. दलहन के क्षेत्र में काम करनेवाली संस्थाओं की ओर से कुछ इनपुट नहीं मिल पा रहा है. इससे काम करने […]

रांची : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के उप-महानिदेशक बीबी सिंह ने कहा है कि कुछ वर्षो से अच्छी-अच्छी वेराइटी विकसित हो रही है. लेकिन, इसका लाभ किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच रहा है. दलहन के क्षेत्र में काम करनेवाली संस्थाओं की ओर से कुछ इनपुट नहीं मिल पा रहा है. इससे काम करने में परेशानी हो रही है. श्री सिंह शुक्रवार को बीएयू में वार्षिक खरीफ सम्मेलन में बोल रहे थे. श्री सिंह ने कहा कि झारखंड में दलहन के क्षेत्र में ज्यादा संभावना है.
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की भूमिका इसमें अहम है. बीएयू के कुलपति डॉ जॉर्ज जॉन ने कहा कि देश में दलहन उत्पादों की बढ़ती मांग और इसके मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए दलहन पर विशेष शोध एवं दूरगामी रणनीति बनाने की जरूरत है.पिछले वर्ष देश में 19 लाख मिलियन टन मात्र दलहन का उत्पादन हुआ. इस वर्ष इसमें दो लाख मिलियन टन गिरावट की संभावना है. दलहन उत्पादन की बेहतर संभावना वाले राज्यों पर विशेष रणनीति तैयार करने की जरूरत है.
कार्यक्रम में अरहर फसल के राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक डॉ एलपी सिंह तथा मोलार्प के राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक डॉ संजीव गुप्ता ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों में चलनेवाली दलहन संबंधी अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन का सार प्रस्तुत किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें