173 व्याख्याताओं की सेवा संपुष्ट

जेपीएससी से वर्ष 2008 में हुई थी नियुक्ति, छह वर्ष बाद मिली राहत रांची : रांची विवि के 173 व्याख्याताओं की छह वर्ष बाद सेवा संपुष्ट कर दी गयी है. इनमें 169 व्याख्याताओं की नियुक्ति वर्ष 2008 में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) से हुई है, जबकि चार व्याख्याता अंतर विवि स्थानांतरण के तहत रांची […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2015 7:40 AM
जेपीएससी से वर्ष 2008 में हुई थी नियुक्ति, छह वर्ष बाद मिली राहत
रांची : रांची विवि के 173 व्याख्याताओं की छह वर्ष बाद सेवा संपुष्ट कर दी गयी है. इनमें 169 व्याख्याताओं की नियुक्ति वर्ष 2008 में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) से हुई है, जबकि चार व्याख्याता अंतर विवि स्थानांतरण के तहत रांची विवि आये हैं. ये शिक्षक पिछले छह वर्षो से सेवा संपुष्टि के लिए परेशान थे.
हालांकि सेवा संपुष्टि की अधिसूचना झारखंड उच्च न्यायालय के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी. शुक्रवार को रांची विवि कंफर्मेशन कमेटी ने सभी व्याख्याता की सेवा संपुष्टि पर अपनी मुहर लगा दी. जबकि देर शाम विवि द्वारा इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गयी.
कमेटी में कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय, प्रतिकुलपति डॉ एम रजिउद्दीन, प्रभारी रजिस्ट्रार सह डीएसडब्ल्यू डॉ सतीश चंद्र गुप्ता सहित सिंडिकेट सदस्य अमिताभ होर, यूसी मेहता, रामचंद्र नायक, पवन साहू उपस्थित थे. जबकि उप कुलसचिव डॉ प्रीतम कुमार ने सहयोग किया.
विवि नियमानुसार इन शिक्षकों की सेवा संपुष्टि नियुक्ति के एक वर्ष बाद यानी वर्ष 2009 में ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन नियुक्ति में विवाद होने के बाद इसकी सीबीआइ जांच चल रही है, साथ ही मामला झारखंड उच्च न्यायालय में चल रहा है. इसे देखते हुए तत्कालीन राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ सैयद अहमद ने सेवा संपुष्टि पर मौखिक रोक लगायी थी.
फलस्वरूप पूर्व कुलपति डॉ एए खान व डॉ एलएन भगत ने सेवा संपुष्टि नहीं की. डॉ अहमद के स्थानांतरण के बाद रांची विवि के कुलपति व प्रभावित शिक्षकों ने सेवा संपुष्टि के संबंध में मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात की. रघुवार दास ने सभी शिक्षकों की सेवा संपुष्टि का आदेश दिया. इसके बाद ही विवि ने यह कार्रवाई की.
सभी शिक्षकों की वरीयता नियुक्ति पैनल व योगदान की तिथि से माना गया है. राज्य में रांची विवि को छोड़ कर अन्य सभी विवि में पहले ही इन शिक्षकों की सेवा संपुष्टि कर दी गयी थी.
अपनी सेवा संपुष्टि के लिए शिक्षकों ने कई बार आंदोलन भी किया. सेवा संपुष्टि होने से अब इन शिक्षकों की प्रोन्नति का मार्ग प्रशस्त हो गया है. विवि के इस निर्णय से शिक्षकों में काफी हर्ष है. शिक्षकों ने इसके लिए कुलपति व कमेटी के सदस्यों को बधाई दी है.

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