सभी जिलों में चलेगा दलहन विकास कार्यक्रम : निदेशक (फोटो : ट्रैक में )
दलहन वैज्ञानिकों का तीन दिवसीय सम्मेलन संपन्नवरीय संवाददातारांची : कृषि निदेशक जटाशंकर चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत राज्य के सभी 24 जिलों में दलहन विकास की योजना चलायी जायेगी. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में पिछले दो दिनों से जारी दलहन वैज्ञानिकों के सम्मेलन में निदेशक ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा […]
दलहन वैज्ञानिकों का तीन दिवसीय सम्मेलन संपन्नवरीय संवाददातारांची : कृषि निदेशक जटाशंकर चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत राज्य के सभी 24 जिलों में दलहन विकास की योजना चलायी जायेगी. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में पिछले दो दिनों से जारी दलहन वैज्ञानिकों के सम्मेलन में निदेशक ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि पहले यह योजना केवल 17 जिलों में चलायी जाती थी. पलामू प्रमंडल की भूमि को सरकार ने दलहन बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चिह्नित किया गया है. यहां आरकेवीआइ योजना के तहत संसाधनयुक्त सीड विलेज की स्थापना की जायेगी. इस मौके पर एडीजी (दलहन) डॉ बीबी सिंह ने कहा कि मौसम में निरंतर बदलाव और मॉनसून में अनियमितता से दलहन उत्पादन में समस्या आ रही है. वैज्ञानिकों को उत्पादन बढ़ाने के लिए लघु अवधि वाली किस्मों की खोज करनी चाहिए. यह रोग रोधी तथा सूखा झेलनेवाला भी होना चाहिए. धान फसल के बाद ज्यादा से ज्यादा दलहन लगाने की कोशिश करनी चाहिए. राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ जेडए हैदर ने बताया कि इसमें 240 से अधिक कृषि वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया. 10 तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया. इस मौके पर डॉ आरपी सिंह रतन, डॉ एस कर्मकार, डॉ संजीव गुप्ता, डॉ डीके रुसिया, डॉ नीरज कुमार, डॉ सोहन राम, डॉ सीएस महतो, डॉ एचसी लाल मौजूद थे. ये दिये गये सुझाव – प्रजनक बीज का अधिक उत्पादन किया जाये- लघु अवधि वाली किस्मों का चयन किया जाये- कृषि परिस्थिति के अनुरूप फसल की किस्मों व तकनीक का पैकेज तैयार हो- तना छेदक कीट व्याधि में नीम शॉप कीटनाशक का व्यवहार करें- दलहन शोध कार्य में पौधा रोग विशेषज्ञों की सहभागिता होनी चाहिए