अल्पसंख्यकों के विकास में खर्च होंगे 44 करोड़

बहुआयामी विकास के लिए सरकार का निर्णय रांची : झारखंड सरकार ने अल्पसंख्यकों के बहुआयामी विकास के लिए 44 करोड़ खर्च करने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों के विकास के लिए 16 जिलों में विकासोन्मुखी योजनाएं चलायी जा रही हैं. इनमें 44 प्रखंड और चार शहरी क्षेत्र शामिल हैं. रांची […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2015 5:54 AM
बहुआयामी विकास के लिए सरकार का निर्णय
रांची : झारखंड सरकार ने अल्पसंख्यकों के बहुआयामी विकास के लिए 44 करोड़ खर्च करने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों के विकास के लिए 16 जिलों में विकासोन्मुखी योजनाएं चलायी जा रही हैं.
इनमें 44 प्रखंड और चार शहरी क्षेत्र शामिल हैं. रांची समेत खूंटी, गुमला, सिमडेगा, साहेबगंज, पाकुड़, गढ़वा, लातेहार, लोहरदगा, हजारीबाग, धनबाद, गिरिडीह, देवघर, गोड्डा, दुमका और जामताड़ा में केंद्र सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों के लिए अनुदान की राशि दी जा रही है.
12वीं पंचवर्षीय योजना में इन जिलों के लिए 26.26 करोड़ रुपये दिये गये थे. यह राशि संबंधित जिलों के उपायुक्तों को उपलब्ध करा दी गयी है. योजना के तहत इंदिरा आवास, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उप केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, सरकारी महाविद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण कार्य शामिल है.
मदरसों और सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाली छात्रओं को साइकिल : राज्य सरकार की ओर से सरकारी विद्यालयों और मदरसों में पढ़ रही आठवीं कक्षा की छात्रओं को नि:शुल्क साइकिल दी जा रही है. 2014-15 में 3667 साइकिलें दी गयी. इस वर्ष अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाओं के लिए 13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
शत प्रतिशत अनुदान मिल रहा है छात्रवृत्ति में
छात्रवृत्ति के लिए अल्पसंख्यकों को केंद्र सरकार से शत प्रतिशत अनुदान मिल रहा है. प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत कक्षा एक से लेकर कक्षा दस तक के छात्रों को छात्रवृत्ति दिये जाने का प्रावधान है.
इसमें से तीस फीसदी छात्रवृत्ति बालिकाओं के लिए आरक्षित है. इनके लिए यह शर्त रखी गयी है कि बालिकाओं के अभिभावकों की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है.
पिछले वर्ष 9.45 करोड़ रुपये प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के रूप में केंद्र से मिले थे. इसी तरह पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत 6.61 करोड़ रुपये 11961 बच्चों को दिये गये. मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति में तकनीकी संस्थानों में अध्य्यनरत बच्चों को 4.33 करोड़ रुपये 1484 बच्चों को दिये गये.

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