ओके….बांध काटा, पेयजल संकट

आहर के बांध की मिट्टी काट कर बेच रहे हैं लोगफोटो (2) आहर का कटा बांध.प्रतिनिधि, नगरऊंटारी (गढ़वा). सरकार जल संचय के लिए गांव-गांव में आहर व तालाब, नदी व नालों पर चेक डैम बनवा रही है. वहीं कुछ लोग व्यक्तिगत स्वार्थ में उसे काट कर बरबाद कर रहे हैं. बांध काटने से सरकार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2015 6:04 PM

आहर के बांध की मिट्टी काट कर बेच रहे हैं लोगफोटो (2) आहर का कटा बांध.प्रतिनिधि, नगरऊंटारी (गढ़वा). सरकार जल संचय के लिए गांव-गांव में आहर व तालाब, नदी व नालों पर चेक डैम बनवा रही है. वहीं कुछ लोग व्यक्तिगत स्वार्थ में उसे काट कर बरबाद कर रहे हैं. बांध काटने से सरकार की जल संचय की सोच को आघात पहुंच रहा है. ताजा मामला नगरऊंटारी प्रखंड के विलासपुर गांव की है. जानकारी के अनुसार उक्त गांव में वर्ष 2004-05 में फूड फोर वर्क योजना के तहत एक आहर का निर्माण कराया गया था. उक्त आहर के बांध की मिट्टी काट कर आहर को समाप्त करने का प्रयास किया गया है. उक्त आहर के बांध की मिट्टी काटने के बाद गांव के ही विशुनदेव चौधरी ने जिले के उपायुक्त, एसडीओ व अंचलाधिकारी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग किया है. बताया जाता है कि उक्त आहर को गांव के ही किशन चौधरी ने अपने रैयती भूमि में बताते हुए आहर के बांध की मिट्टी काट कर बेच दिया. आये दिन भीषण गरमी के कारण पेयजल संकट उत्पन्न हो रहा है. सरकार जल संचय के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अभियान चला रही है. ऐसी स्थिति में जल संचय के लिए बने आहर को काट देना सरकार द्वारा कराये गये कार्य के विरुद्ध है. इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि गांव के आहर में पानी रहने से मवेशियों को पानी पिलाने में सुविधा होती थी, लेकिन पानी के लिए बाहर से व्यवस्था करना होगा. इस संबंध में पूछे जाने पर बीडीओ मुरली यादव ने बताया कि इस मामले में जानकारी हमें नहीं है. जानकारी होने से मामले की जांच करा कर सही पाये जाने पर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे.

Next Article

Exit mobile version