सप्लाई पानी में आते हैं पक्षियों के पंख व प्लास्टिक के टुकड़े

इटखोरी (2) बिना ढक्कन का इंटेक वेलइटखोरी. बाजार क्षेत्र के नागरिकों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है. लोगों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है. पीएचइडी विभाग द्वारा आपूर्ति होने वाला पेयजल पूरी तरह दूषित रहता है. पाइप के माध्यम से आपूर्ति किये जाने पानी में कभी पक्षियों का पंख तो कभी प्लास्टिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2015 6:04 PM

इटखोरी (2) बिना ढक्कन का इंटेक वेलइटखोरी. बाजार क्षेत्र के नागरिकों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है. लोगों को दूषित पानी पीना पड़ रहा है. पीएचइडी विभाग द्वारा आपूर्ति होने वाला पेयजल पूरी तरह दूषित रहता है. पाइप के माध्यम से आपूर्ति किये जाने पानी में कभी पक्षियों का पंख तो कभी प्लास्टिक का टुकड़ा आता है. जरूरत मंद की लाचारी का फायदा विभाग उठा रहा है. मोहाने नदी स्थित इंटेक वेल तथा कृषि फार्म परिसर में निर्मित जल मीनार में ढक्कन नहीं लगा हुआ है. जिससे कचरा गिरता रहता है. इंटेक वेल पर तो कुत्ते घूमते रहते हैं, रात के अंधेरे में कोई जानवर गिर जाये तो पता भी नहीं चलेगा. कभी-कभी तो लोगों को दुर्गंध भरा पानी मिलता है. इस मामले में विभागीय अधिकारी ढक्कन के लिए राशि की कमी का हवाला देते हैं.क्या कहते हैं एइ: पीएचइडी के एइ तिलोस्फर मिंज ने कहा कि इंटेक वेल तथा जलमीनार में ढक्कन नहीं रहने की सूचना मुझे नहीं है. मैं शीघ्र ही ढक्कन लगवाऊंगा.सरकार ने दिया था निर्देश: राज्य के पेयजल मंत्री चंद्रप्रकाश भाई पटेल ने सभी इंटेक वेल व जल मीनारों को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा प्रहरी बहाल करने का निर्देश दिया था. लेकिन इटखोरी में तो ढक्कन भी नहीं है.

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