बुढ़ापा जीवन की शाम है, इसे संवारे: उमाकांता जी

इटखोरी-(1) प्रवचन करते उमाकांता नंद जी महराज..इटखोरी. बुढ़ापा जीवन की शाम है. इसे संवारा जाये, तो अगला जन्म स्वयं संवर जायेगा. मनुष्य को अपना आखिरी समय में भजन कीर्तन में लगाना चाहिए. जीवन का आखिरी समय अगले जन्म का आधार होता है. उक्त बातें महा मंडलेश्वर डॉ उमाकांता नंद सरस्वती जी महाराज ने खरौधा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2015 6:04 PM

इटखोरी-(1) प्रवचन करते उमाकांता नंद जी महराज..इटखोरी. बुढ़ापा जीवन की शाम है. इसे संवारा जाये, तो अगला जन्म स्वयं संवर जायेगा. मनुष्य को अपना आखिरी समय में भजन कीर्तन में लगाना चाहिए. जीवन का आखिरी समय अगले जन्म का आधार होता है. उक्त बातें महा मंडलेश्वर डॉ उमाकांता नंद सरस्वती जी महाराज ने खरौधा में रामकथा के दौरान कही. उन्होंने कहा कि अगर शाम सुधर जाये, तो अगली सुबह स्वयं सुधर जाता है. मनुष्य को अपने जीवन में गुणों को बढ़ाते रहना चाहिए. यह अगले जन्म में भी काम आता है. यज्ञ में उमड़ी भीड़: खरौधा में आयोजित यज्ञ में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ रही है. लोगों में भक्ति का रंग चढ़ गया है. सुबह होते ही परिक्रमा करने वालों की भीड़ लग जाती है. पूर माहौल भक्तिमय हो गया है.——————सीएचसी कर्मी का निधनइटखोरी. सीएचसी में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मी प्रमोद राम का निधन बुधवार को हो गया. वह कुछ दिन से अस्वस्थ थे. बुधवार को स्वास्थ्य केंद्र में शोक मनाया गया. प्रमोद राम के निधन पर लोगों ने दु: प्रकट किया.

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