ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंग
भवन निर्माण के समय बीम में डालें तांबे का तार रांची. प्रभात खबर कार्यालय में शुक्रवार को ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंग का आयोजन किया गया. इस दौरान वास्तुविद दुर्गा गुप्ता ने पाठकों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी जानें गयीं. मकान को वास्तु […]
भवन निर्माण के समय बीम में डालें तांबे का तार रांची. प्रभात खबर कार्यालय में शुक्रवार को ऑनलाइन वास्तु काउंसलिंग का आयोजन किया गया. इस दौरान वास्तुविद दुर्गा गुप्ता ने पाठकों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी जानें गयीं. मकान को वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार बनवा कर हम भूकंप जैसी आपदाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान से बच सकते हैं. भवन बनाते समय नींव खोदने के लिए पहले सही दिशा का चयन कर लें. राहु ग्रह का मुख यदि इशान में हो, तो आप अग्नि कोण में नींव खोदने का काम प्रारंभ करें. नक्षत्रों के अनुसार घर का निर्माण करना आवश्यक होता है. भवन की सुरक्षा के लिए बीम या कॉलम में समान लंबाई वाले तांबे का तार डाला जाना चाहिए. इस तरह के तार लगाने से पृथ्वी घर को अपनी पूरी शक्ति से धारण किये रहता है, यानी उसे खड़ा रखने में मदद करता है. ऐसे में प्राकृतिक आपदाओं के कारण भवन को क्षति नहीं पहुंचती है. इसके साथ ही जितनी मंजिल का भवन निर्माण करवाया जा रहा है, उतनी ही संख्या में तांबे के तार का नाग आकृति बना कर प्रत्येक बीम में स्थापित कर दें. नाग और पृथ्वी की सकारात्मक शक्ति के योग से किसी भी तरह की प्राकृतिक क्षति से बचा जा सकता है. ईशान कोण में भवन निर्माण होते समय शहद रखें. वास्तु शास्त्र के इन नियमों के अनुसार भवन को भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से काफी हद तक बचाया जा सकता है.