कहीं आपको बीमार न कर दे मैगी

मैगी नूडल्स विवादों में घिर गयी है. देश भर में इसके सैंपल की जांच के आदेश दिये गये हैं. इसका जिम्मा एफएसएसए (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी) और एनसीडीआरसी (नेशनल कंज्यूमर डिसप्यूट )हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मैगी के कई पैकेटों को जब्त कर उनकी जांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2015 4:04 PM

मैगी नूडल्स विवादों में घिर गयी है. देश भर में इसके सैंपल की जांच के आदेश दिये गये हैं. इसका जिम्मा एफएसएसए (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी) और एनसीडीआरसी (नेशनल कंज्यूमर डिसप्यूट )हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मैगी के कई पैकेटों को जब्त कर उनकी जांच राज्य की प्रयोगशाला में की थी, जिसमें अधिकारियों ने दावा किया है कि जांच में मोनोसोडियम ग्लूकोमैट की काफी मात्रा पायी गयी है. इतना ही नहीं, जांच में मैगी के पैकेटों में ‘लेड’ यानी सीसे की मात्रा भी तय मानकों से काफी अधिक पाई गयी थी. तय मानकों के अनुसार इसकी मात्रा 2. 5 पीपीएम तक हो सकती है, जबकि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इसकी मात्रा 17 पीपीएम तक पायी गयी. यह स्वास्थय के लिए काफी हानिकारक है. क्या है एमएसजी : नूडल्स फूड में एमएसजी यानी मोनो सोडियम ग्लूटामेट मिलाया जाता है. वो भी स्वाद बढ़ाने के लिए. स्वाद के नाम पर मिलाया जाने वाला ये एमएसजी एक ऐसा तत्व है जो बच्चों, बूढ़ों, गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत खतरनाक है. आपके दिमाग, हड्डियों, आंख और खून के लिए खतरनाक है. लेडवाली मैगी से इन बीमारियों का खतराकिडनी फेल होने का खतरा, बच्चों की हड्डियों और मांसपेशियों का विकास रूक जाता है, नर्वस सिस्टम को नुकसान, एकाग्रता में कमी आती है, सीखने की क्षमता घटती है और दिमाग कमजोर होता है……………………एमएसजी वाली मैगी से इन बीमारियों का खतराकैंसर, माइग्रेन-सिरदर्द, पसीना आना, हाई ब्लडप्रेशर, हार्ट बीट, चेहरे की स्किन डेड पड़ना, लाल दाने और खुजली

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