फोटो : 1 टावर की बुनियाद ट्रांसमिशन लाइन का काम लातेहार से इटखोरी पावरग्रिड व पकरी बरवाडीह तक किया जाना हैइटखोरी. पावरग्रिड की ट्रांसमिशन लाइन का काम दो साल में भी पूरा नहीं हो सका है. कई जगहों पर बुनियादी स्ट्रक्चर तैयार कर छोड़ दिया गया है. ट्रांसमिशन लाइन का काम हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा कराया जा रहा है. ट्रांसमिशन लाइन का काम लातेहार से इटखोरी पावरग्रिड व पकरी बरवाडीह तक किया जाना है. इटखोरी से पकरी बरवाडीह तक 171 ट्रांसमिशन (टावर) का निर्माण किया जायेगा. अब तक 50 टावर का ही काम शुरू हुआ है. शेष काम तकनीकी कारणों से नहीं हो सका है. 28 टावरों की बुनियाद का काम हो चुका है. ज्ञात हो कि चोरकारी पावरग्रिड को चालू करने के लिए ट्रांसमिशन लाइन का होना आवश्यक है. मेघा इंजीनियरिंग को यह काम सौंपा गया है. एनओसी नहीं मिलने से दिक्कत : इइ ट्रांसमिशन लाइन के कार्यपालक अभियंता सुरेश शर्मा ने कहा कि कुछ टावरों का निर्माण वन भूमि क्षेत्र में किया जाना है. अब तक फॉरेस्ट क्लियरेंस नहीं मिला है. इस कारण कार्य में विलंब हो रहा है. वन विभाग से एनओसी मिलते ही काम शुरू हो जायेगा. क्या लाभ होगा ट्रांसमिशन लाइन का काम होने के बाद ही पावरग्रिड को 120 लाख वोल्ट की बिजली मिल सकेगी. उसके बाद ही जिले में बिजली आपूर्ति होगी.
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दो साल में भी नहीं हुआ ट्रांसमिशन लाइन का काम
फोटो : 1 टावर की बुनियाद ट्रांसमिशन लाइन का काम लातेहार से इटखोरी पावरग्रिड व पकरी बरवाडीह तक किया जाना हैइटखोरी. पावरग्रिड की ट्रांसमिशन लाइन का काम दो साल में भी पूरा नहीं हो सका है. कई जगहों पर बुनियादी स्ट्रक्चर तैयार कर छोड़ दिया गया है. ट्रांसमिशन लाइन का काम हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग […]
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