अब मैं कल के लिए कोई काम नहीं टालता : अर्जुन

नौ मई 2012 के दिन को एक पल के लिए भी पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा नहीं भूलते हैं. वह कहते हैं ऐसा लगता है जैसे कल की बात हो. वह अपने जीवन को भागवत की कृपा मानते हैं. नौ मई 2012 को अगस्टा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. श्री मुंडा बताते हैं कि उन्हें हर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:35 PM

नौ मई 2012 के दिन को एक पल के लिए भी पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा नहीं भूलते हैं. वह कहते हैं ऐसा लगता है जैसे कल की बात हो. वह अपने जीवन को भागवत की कृपा मानते हैं. नौ मई 2012 को अगस्टा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. श्री मुंडा बताते हैं कि उन्हें हर पल याद है. बस गिरने के बाद क्या हुआ यह नहीं पता. जब होश में आया तो उन्होंने अपने आप को एंबुलेंस में पाया. इस दुर्घटना के एक साल होने पर प्रभात खबर ने उनसे बातचीत की.

रांची: हादसे के एक वर्ष बीतने पर श्री मुंडा ने अपनी पत्नी मीरा मुंडा के साथ ओल्ड सर्किट हाउस स्थित आवास में पूजा-अर्चना की.आज के दिन वह दिन भर आवास में ही रहे.

मेरा जीवन बदल गया
अर्जुन मुंडा बताते हैं कि वह एक ऐसी दुर्घटना थी, जिसमें शायद ही कोई बचता. ऐसी दुर्घटना में कोई इससे पहले बचा हो, इसका उदाहरण नहीं है. बहुत बड़ी भागवत कृपा और लोगों के आशीर्वाद व प्यार की वजह से सभी लोग बच गये. श्री मुंडा बताते हैं कि दुर्घटना के बाद उनके नजरिये में काफी बदलाव आया है. पहले जब किसी का कोई काम करते थे, तो लगता था कि उसके ऊपर मेहरबानी कर रहे हैं. पर अब लगता है कि यह उनकी जिम्मेवारी है. मुंडा कहते हैं : मुङो एहसास हुआ कि मेरा जीवन मेरा नहीं है, यह तो आम जनता का है. अब उनके लिए ही जीवन जीना है. अब कोई काम मैं नहीं टालता. दूसरे का भला हो, इसका खास ख्याल रखता हूं.

हादसे के बारे में मुंडा कहते हैं कि वह क्षण तो मैं कभी भूल ही नहीं सकता. जब पहली बार कैप्टन ने बताया था कि हेलीकॉप्टर खराब है. इसके बाद अंदर का माहौल, चेहरे पर मायूसी. पायलट की परेशानी सब कुछ याद है. पर मैंने हिम्मत नहीं हारी. पायलट पर भरोसा किया. ईश्वर को याद किया और पायलट के ऊपर सब कुछ छोड़ दिया. उसके बाद का घटनाक्रम तो सबको मालूम ही है.

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