कीमतें बढ़ीं, लेकिन कम नहीं हो रहा है टैक्स
रांची: पेट्रोल-डीजल पर बढ़ा हुआ वैट अब लोगों की जेब पर भारी पड़ने लगा है. राज्य सरकार की तिजोरी तो भर रही है, लेकिन आम लोगों को राहत नहीं मिल रही है. राज्य में सरकार ने यह कहते हुए फरवरी में टैक्स बढ़ा दिया था कि पेट्रोल-डीजल की कीमत कम होने के कारण राजस्व भी […]
रांची: पेट्रोल-डीजल पर बढ़ा हुआ वैट अब लोगों की जेब पर भारी पड़ने लगा है. राज्य सरकार की तिजोरी तो भर रही है, लेकिन आम लोगों को राहत नहीं मिल रही है. राज्य में सरकार ने यह कहते हुए फरवरी में टैक्स बढ़ा दिया था कि पेट्रोल-डीजल की कीमत कम होने के कारण राजस्व भी कम हो गया है. इसके बाद डीजल पर टैक्स 18 प्रतिशत से 22 प्रतिशत कर दिया गया. पेट्रोल पर भी वैट दो प्रतिशत बढ़ गया है. इसके बाद से पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है. तीन माह के दौरान प्रति लीटर पेट्रोल 11 रुपये व डीजल साढ़े छह रुपये से ज्यादा महंगा हो गया है. लोगों को ज्यादा कीमत पर ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ रहा है.
प्रति लीटर 11.87 रुपये की कमाई
राज्य सरकार को डीजल की बिक्री से प्रति लीटर 11.87 रुपये की कमाई हो रही है, जबकि फरवरी में यह कमाई 7.22 रुपये प्रति लीटर थी. सरकार को अब प्रति लीटर 4.65 रुपये यानी 65 प्रतिशत अधिक राजस्व मिल रहा है. कीमतें बढ़ने के बाद अब सरकार टैक्स कम नहीं कर रही है. इसे उलट बंगाल में टैक्स फिक्स है. वहां पहले भी 7.70 रुपये प्रति लीटर टैक्स था, अभी भी 7.70 रुपये ही टैक्स है. आज के समय झारखंड में पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा टैक्स है.
पेट्रोल पंप मालिक भी परेशान
बढ़े टैक्स का असर पेट्रोल पंप मालिकों की बिक्री पर पड़ रहा. राज्य में डीजल की बिक्री में जोरदार गिरावट दर्ज की गयी है. पिछले साल मई की तुलना में इस साल 41.70 लाख लीटर की बिक्री कम हुई है, जबकि पिछले साल चुनावों की गहमागहमी के कारण ट्रकों व बसों का आवागमन कम था. झारखंड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अनुसार राज्य में टैक्स नहीं बढ़ने पर अभी कम से कम 1.50 लाख किलो लीटर डीजल की बिक्री होती, जो अभी 1.33 लाख किलो लीटर है. एक किलो लीटर में 1000 लीटर होता है. सबसे ज्यादा परेशानी पड़ोसी राज्यों से लगी सीमा के पेट्रोल पंप संचालकों को होती है. वहां पंप में कर्मचारियों को हटाने की नौबत आ रही है. एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने बताया कि डीजल से वैट कम होगा, तो सरकार का राजस्व और भी बढ़ेगा. अभी दूसरे राज्यों से आनेवाली बसों व ट्रकों में डीजल हमारे यहां नहीं भराया जा रहा है, जबकि पहले दूसरे राज्य की गाड़ियां झारखंड में तेल भराती थी. टैक्स कम होने से आम लोगों को भी लाभ होगा.