लापरवाही से जले पांच करोड़ के दो ट्रांसफारमर

जांच कमेटी की रिपोर्ट रांची : हटिया पावर ग्रिड में 24 अप्रैल को अभियंताओं की लापरवाही से पांच करोड़ के दो ट्रांसफारमर जले थे. जांच में यह बात सामने आयी है. मुख्यमंत्री के आदेश पर मुख्य अभियंता ट्रांसमिशन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2015 5:43 AM
जांच कमेटी की रिपोर्ट
रांची : हटिया पावर ग्रिड में 24 अप्रैल को अभियंताओं की लापरवाही से पांच करोड़ के दो ट्रांसफारमर जले थे. जांच में यह बात सामने आयी है. मुख्यमंत्री के आदेश पर मुख्य अभियंता ट्रांसमिशन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद झारखंड विद्युत संचरण निगम लिमिटेड द्वारा हटिया ग्रिड के प्रभारी कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार और सहायक अभियंता गौरव कुमार पर विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया गया है.
क्या है जांच रिपोर्ट में : सूत्रों ने बताया कि जांच कमेटी के अनुसार, जो अभियंता डय़ूटी पर थे, उनकी जवाबदेही थी कि पावर ट्रांसफारमर का संचालन सही तरीके से हो. उस दिन थंडरिंग की वजह से 33 केवी लाइन खराब हुई थी. ट्रांसफारमर में तकनीकी गड़बड़ी आयी थी. पर, हटिया ग्रिड के कार्यपालक अभियंता व सहायक अभियंताओं ने इसकी मॉनीटरिंग नहीं की. पूरी व्यवस्था कुछ तकनीकी कर्मचारियों पर छोड़ दी गयी. जबकि ऐसे मामलों में अभियंताओं को खुद सुपरविजन करना चाहिये था. इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद अभियंता वहां मौजूद नहीं थे. तकनीकी कर्मचारियों को ही ट्रांसफारमर चालू करने का आदेश दे दिया था. ट्रांसफारमर चालू करने में भी लापरवाही बरती गयी.
जंफर को चेक किये बिना ट्रांसफारमर चालू कर दिया गया. इसके चलते ट्रांसफारमर जल गये. जांच कमेटी ने ट्रांसफारमर जलने की वजह तकनीकी गड़बड़ी व मानवीय लापरवाही बतायी है. कहा है कि मॉनीटरिंग के अभाव में यह घटना हुई. जांच कमेटी ने हटिया ग्रिड में तकनीकी स्टाफ की कमी भी बतायी है.
24 अप्रैल को जले थे दोनों ट्रांसफारमर
घटना 24 अप्रैल 2015 की है. हटिया ग्रिड में दो पावर ट्रांसफारमर जल जाने के कारण करीब 15 दिनों तक रांची शहर का बड़ा हिस्सा अंधेरे में रहा था. हरमू, अरगोड़ा, एचइसी, तुपुदाना, हिनू, रातू रोड, कचहरी, मेन रोड, हिंदपीढ़ी, किशोरगंज, न्यू मधुकम जैसे इलाके में लोगों को आठ से दस घंटे ही बिजली मिल पा रही थी. बिजली के लिए आंदोलन भी हुआ था. मुख्यमंत्री ने हटिया ग्रिड के कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार और सहायक अभियंता गौरव कुमार को निलंबित कर दिया था. साथ ही मामले की जांच आदेश दिया था. हटिया ग्रिड में जमशेदपुर से दो नये पावर ट्रांसफारमर लाकर लगाये गये थे. इसके बाद ही रांची में बिजली आपूर्ति सामान्य हो पायी थी.

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