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खाद्य आपूर्ति विभाग की नहीं थी संगोष्ठी : सरयू
एक ही दिन क्यों बुलायी गयी 22 समितियों की बैठक ? शीर्षक से प्रभात खबर में प्रकाशित खबर पर राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने अपना पक्ष भेजा है. पढ़ें, क्या कहते हैं श्री राय. 1. यह संगोष्ठी खाद्य आपूर्ति विभाग की नहीं थी, बल्कि इसका आयोजन झारखंड विधानसभा और सरकार के संसदीय […]
एक ही दिन क्यों बुलायी गयी 22 समितियों की बैठक ? शीर्षक से प्रभात खबर में प्रकाशित खबर पर राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने अपना पक्ष भेजा है. पढ़ें, क्या कहते हैं श्री राय.
1. यह संगोष्ठी खाद्य आपूर्ति विभाग की नहीं थी, बल्कि इसका आयोजन झारखंड विधानसभा और सरकार के संसदीय कार्य विभाग द्वारा किया गया था. विधानसभा के विगत बजट सत्र में सरकार ने आश्वासन दिया था कि राज्य में आगामी एक जुलाई से खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया जायेगा. राज्य सरकार का खाद्य, सार्वजनिक वितरण विभाग इस आश्वासन को पूरा करने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहा है.
2. खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ इसके पात्र सभी व्यक्तियों तक पहुंचे, यह मंशा सत्ता पक्ष, प्रतिपक्ष एवं समाज सबकी है. इस परिप्रेक्ष्य में माननीय विधानसभा अध्यक्ष एवं संसदीय कार्य विभाग ने इसके विभिन्न पहलुओं से विधायकों एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम के विषय में प्रयासरत सामाजिक एवं गैर सरकारी संगठनों तथा पत्रकार बंधुओं को अवगत करने के लिए इस संगोष्ठी का आयोजन किया था. खाद्य सार्वजनिक वितरण विभाग ने प्रायोजक के रूप में सबके सामने इस दिशा में अब तक किये गये कार्यों के बारे में अपनी प्रस्तुति दी थी, जिस पर महत्वपूर्ण सुझाव संगोष्ठी में भाग ले रहे प्रतिभागियों की ओर से आये.
3. चूंकि झारखंड विधानसभा इस कार्यक्र म की आयोजक थी, इसलिए माननीय विधायकों को विधानसभा की ओर से अलग से भी इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था. संगोष्ठी अपराह्न् में थी और विधानसभा समितियों की बैठक पूर्वाह्न् में थी, इसलिए यह प्रकाशित करना कि विधायकगण ने सिर्फरजिस्टर में हस्ताक्षर किया और संगोष्ठी में पहुंच गये, तर्कसंगत प्रतीत नहीं होता. संगोष्ठी में पहुंचने से पूर्व अनेक माननीय सदस्यों ने कतिपय अन्य दलीय एवं गैर दलीय कार्यक्र मों में भी भाग लिया था, जिनका संबंध संगोष्ठी से नहीं था.
4. यह भी तथ्य से परे है कि विधानसभा समितियों की विशेष बैठक बुलाये जाने के कारण माननीय सदस्यों को अतिरिक्त यात्र भत्ता का लाभ मिला. इस बारे में नियम यह है कि यदि 10 दिन के भीतर किसी समिति या समितियों की बैठक होती है, तो भाग लेनेवाले विधायकों को कोई अतिरिक्त यात्र भत्ता नहीं मिलता है. यदि दो समितियों की बैठक के बीच का अंतराल 10 दिन से अधिक हो जाता है तब संबंधित समिति की बैठक में आने पर माननीय सदस्य भत्ता के हकदार हो जाते हैं.
5. विधानसभा समिति की प्रत्येक बैठक में सरकार के अधिकारी बुलाये जायें, यह भी आवश्यक नहीं होता. समिति की किसी बैठक में अपने पूर्व की बैठकों की समीक्षा होना भी एक स्वाभाविक प्रक्रि या है.
मांडऱ/रातू : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शुक्रवार को मांडर व चान्हो में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान विधायक गंगोत्री कुजूर ने मांडर रेफरल अस्पताल व थाना परिसर के अलावा चान्हो प्रखंड मुख्यालय में वृक्षारोपण किया.
उन्होंने लोगों को पर्यावरण की रक्षा करने का संकल्प दिलाया और अपील की कि आज के दिन सभी कम से कम एक पेड़ जरूर लगायें. इस अवसर पर बीडीओ गोपी उरांव, चिकित्सा प्रभारी अश्विनी कुमार, सहायक अवर निरीक्षक सुंडी समेत राम बालक ठाकुर, सतीश कुमार, विष्णु नंद तिवारी, अमर कुमार, जगदीश भगत, भोगेन सोरेन व अशोक साही सहित अन्य मौजूद थे.
रातू. विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर झारखंड राय विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया गया़ कुलपति डॉ सविता सेंगर ने कहा कि कई जगहों पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है.
इससे पर्यावरण को खतरा उत्पन्न हो गया है. ऐसे में पेड़ों की देखभाल जरूरी है. मौके पर रजिस्ट्रार चेरियन जैकब, डीन शायनी टीसी, प्रो संजीव सिन्हा, प्रो सव्यसाची चक्रवर्ती, लालजी यादव, तारिक मुराद, राकेश बेक, सुमित कुमार, अरिंदीप दीवान सहित गौरांग मंडल, उमेश मंडल, चंदन मंडल, बुद्घेश्वर महतो, गोविंद राय व जीतेंद्र प्रधान आदि मौजूद थे.
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