वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी नहीं चाहते बड़े अपराधी

रांची : राज्य की जेलों में बंद बड़े अपराधी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश नहीं होते हैं. इसके लिए कई बार पैसा खर्च कर वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम को खराब तक करवा देते हैं. गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश नहीं होता था. पेशी के लिए उसे कोर्ट ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2015 7:57 AM
रांची : राज्य की जेलों में बंद बड़े अपराधी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश नहीं होते हैं. इसके लिए कई बार पैसा खर्च कर वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम को खराब तक करवा देते हैं. गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश नहीं होता था. पेशी के लिए उसे कोर्ट ही ले जाया जाता था, जबकि हजारीबाग जेल में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा है.
सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड के सिलसिले में सीआइडी ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें इस बात का उल्लेख है. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि बड़े अपराधियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की जाये, तो उसकी सुरक्षा में पुलिस को लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. पुलिस अधिकारियों व अपराध जगत के लोगों के मुताबिक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश नहीं होने की अलग-अलग वजह है.
पेशी के दौरान कई बड़े अपराधी बाहर की दुनिया में आजाद घूमते हैं. पुलिस साथ तो होती है, लेकिन उन पर कोई पहरा नहीं होता है. क्योंकि पेशी के दिन अपराधी की ओर से रुपये खर्च किये जाते हैं.
कोर्ट परिसर में ही गिरोह के लोगों से मिल कर अपराधी रंगदारी की रकम का हिसाब करते हैं. क्षेत्र की स्थिति पर भी बात होती है. साथ ही गिरोह के दूसरे अपराधियों को टॉस्क देने और गवाहों को धमकाने का काम भी कोर्ट परिसर में आसानी से होता है.
इसके अलावा प्रभाव वाले क्षेत्र के कारोबारियों को भी कोर्ट परिसर में ही बुलाया जाता है. वहां पर बड़े अपराधियों द्वारा उन्हें धमकी दी जाती है और रंगदारी की रकम तय की जाती है. कई सफेदपोश लोग जेल में नहीं जाना चाहते हैं.

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