जमीन नहीं मिली, तीन साल से बंद है ग्रिड निर्माण का काम

रांची : झारखंड में पीजीसीआइएल द्वारा प्रस्तावित तीन ग्रिड का निर्माण तीन वर्षो से जमीन के लिए ही लंबित है. अब तक झारखंड ऊर्जा विकास निगम की ओर से जमीन उपलब्ध नहीं करायी गयी है.इस कारण पीजीसीआइएल ने ग्रिडों का काम लंबित रखा है, जबकि ग्रिडों के लिए पांच-पांच करोड़ के पावर ट्रांसफारमर पहले ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2015 6:03 AM
रांची : झारखंड में पीजीसीआइएल द्वारा प्रस्तावित तीन ग्रिड का निर्माण तीन वर्षो से जमीन के लिए ही लंबित है. अब तक झारखंड ऊर्जा विकास निगम की ओर से जमीन उपलब्ध नहीं करायी गयी है.इस कारण पीजीसीआइएल ने ग्रिडों का काम लंबित रखा है, जबकि ग्रिडों के लिए पांच-पांच करोड़ के पावर ट्रांसफारमर पहले ही खरीदे गये थे. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने राज्य में ट्रांसमिशन नेटवर्क व ग्रिड के निर्माण के लिए पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को 1472 करोड़ रुपये का काम वर्ष 2012 में ही आवंटित किया था.
मार्च 2014 तक काम पूरा कर लेना था. कई स्थानों पर काम हुए भी हैं, पर पतरातू, लातेहार और लोहरदगा में ग्रिड का निर्माण नहीं हो सका है. जबकि ग्रिड के सारे उपकरण पहले ही खरीद लिये गये हैं. पावर ट्रांसफारमर पतरातू आवासीय कॉलोनी में एक साइड में पिछले दो वर्षो से रखा हुआ है.
क्या हो रहा है नुकसान
पतरातू ग्रिड के बन जाने से इसे लातेहार से जोड़ा जाना है. लातेहार को लोहरदगा से जोड़ा जाना है.दूसरी ओर पतरातू ग्रिड से कांके ग्रिड को भी जोड़ा जाना है. इस तरह पूरा रांची, लोहरदगा, पतरातू और लातेहार एक सरकुलर सिस्टम से जुड़ जायेगा. कहीं भी लाइन बाधित होने पर समानांतर लाइन से बिजली आपूर्ति की जा सकेगी. ग्रिड नहीं बनने के कारण लातेहार, लोहरदगा और पतरातू में 220 केवी व 132 केवी ट्रांसमिशन लाइन का काम भी रोक कर रखा गया है.
इधर, लोहरदगा और लातेहार में ट्रांसमिशन लाइन की क्षमता मांग के अनुरूप नहीं होने की वजह से पूरी क्षमता की बिजली आपूर्ति नहीं की जाती. यही वजह है कि लातेहार और लोहरदगा खासकर ग्रामीण इलाकों में अभी 10 से 12 घंटे तक बिजली गुल रहती है.

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