निदेशक पर चलेगी विभागीय कार्यवाही

रांची: राज्य सरकार ने विज्ञान, प्रावैधिकी निदेशक प्रो अरुण कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपनी सहमति दे दी है. प्रो कुमार पर इसी वर्ष मई-जून महीने में तत्कालीन निकासी और व्ययन पदाधिकारी (डीडीओ) डॉ राजशेखर प्रसाद की मदद से सात लाख रुपये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2013 6:27 AM

रांची: राज्य सरकार ने विज्ञान, प्रावैधिकी निदेशक प्रो अरुण कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपनी सहमति दे दी है. प्रो कुमार पर इसी वर्ष मई-जून महीने में तत्कालीन निकासी और व्ययन पदाधिकारी (डीडीओ) डॉ राजशेखर प्रसाद की मदद से सात लाख रुपये की निकासी करने का आरोप लगा था. निदेशक के वेतन पर महालेखाकार कार्यालय की ओर से रोक लगा दी गयी थी.

महालेखाकार कार्यालय की ओर से सरकार को यह आदेश दिया गया था कि प्रो कुमार निदेशक पद की अर्हता को पूरा नहीं करते हैं. ऐसे में उन्हें वेतन परची निर्गत नहीं की जा सकती है. वेतन परची निर्गत करने संबंधी एक मामला झारखंड हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है. हाईकोर्ट ने इस संबंध में महालेखाकार कार्यालय से हलफनामा भी दायर करने का निर्देश दिया था. हलफनामे में भी एजी ने अपने पुराने स्टैंड को बरकरार रखने की दलील दी थी. झारखंड हाईकोर्ट और विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा के आलोक में विज्ञान, प्रावैधिकी विभाग ने यह कार्रवाई की है. इस मामले में तत्कालीन डीडीओ डॉ प्रसाद की सेवा भी निरसा पोलिटेक्निक को वापस कर दी गयी है. अब विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी अजय सिंह को निकासी और व्ययन पदाधिकारी का जिम्मा दिया गया है.

बरखास्तगी की संचिका भी भेजी गयी : इधर विभाग के अपर मुख्य सचिव के माध्यम से निदेशक प्रो कुमार की बरखास्तगी से संबंधित संचिका भी मुख्यमंत्री के पास भेज दी गयी है. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों बरखास्तगी के पहले निदेशक से स्पष्टीकरण लेने का निर्देश दिया था. सरकार की ओर से स्पष्टीकरण लेकर अब बरखास्तगी से संबंधित संचिका मुख्यमंत्री के विचारार्थ भेजी गयी है.

Next Article

Exit mobile version