रांची: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) की सेवा संबंधी वार्षिक रिपोर्ट पर अधिकारी आपत्ति कर रहे हैं. गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से राज्य भर में संचालित 99 (कुल 103 हैं) एमएमयू बसों के जरिये ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं.
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत संचालित इन बसों में चिकित्सक व दवाओं सहित मेडिकल जांच की सुविधा भी होती है. इनमें एक्स-रे व इसीजी सहित पैथोलॉजी जांच की सुविधाएं शामिल हैं. वित्तीय वर्ष 2012-13 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, एमएमयू के माध्यम से कुल 2317 एक्स-रे व 12252 इसीजी किये गये हैं.
इस रिपोर्ट में रेफर मरीजों की कुल संख्या तो है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें से एक्स-रे व इसीजी वाले कितने मरीज रेफर किये गये हैं. सबसे ज्यादा एक्स-रे पू. सिंहभूम, जामताड़ा व कोडरमा जिले की एमएमयू ने किया है. वहीं सिमडेगा व गढ़वा सबसे कम एक्स-रे करनेवाले जिले हैं. गिरिडीह व बोकारो सबसे अधिक तथा पाकुड़ व रांची सबसे कम इसीजी करनेवाले जिले हैं. रिपोर्ट की विसंगतियों को लेकर एनआरएचएम की बैठक भी हुई थी. वरीय अधिकारियों ने रिपोर्ट पर सवाल भी उठाये. अधिकारियों के अनुसार, इसे मनमाने तरीके से तैयार किया गया है. कुछ जिलों की रिपोर्ट पर भी आपत्ति दर्ज करायी गयी है. एक अधिकारी का कहना है कि मुख्यालय से एमएमयू की मॉनिटरिंग मुश्किल है. यह काम सिविल सजर्न का है.