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स्थानीय नीति के बिना नहीं हो नियुक्तियां

भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ विपक्ष ने राजभवन के समक्ष किया प्रदर्शन, कहा रांची : भूमि अधिग्रहण बिल वापस लेने और स्थानीय नीति अविलंब लागू करने को लेकर विपक्षी दलों की ओर से मंगलवार को राजभवन के समक्ष धरना दिया गया. धरना में झाविमो, झारखंड जनाधिकार मंच, राजद, जदयू, समाजवादी पार्टी, वामदल, एचइसी विस्थापित मोरचा […]

भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ विपक्ष ने राजभवन के समक्ष किया प्रदर्शन, कहा
रांची : भूमि अधिग्रहण बिल वापस लेने और स्थानीय नीति अविलंब लागू करने को लेकर विपक्षी दलों की ओर से मंगलवार को राजभवन के समक्ष धरना दिया गया.
धरना में झाविमो, झारखंड जनाधिकार मंच, राजद, जदयू, समाजवादी पार्टी, वामदल, एचइसी विस्थापित मोरचा और विभिन्न संगठनों के नेता और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. वक्ताओं ने कहा कि स्थानीय नीति लागू किये बिना बहाली नहीं की जाये. अगर ऐसा किया गया तो जनआंदोलन किया जायेगा. विपक्षी दल के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे.
वहीं दूसरी तरफ भूमि अधिग्रहण बिल को वापस लेने की बात कही गयी. नेताओं ने कहा कि अगर केंद्र सरकार जबरदस्ती बिल लाती है, तो राज्य में आर्थिक नाकेबंदी की जायेगी. झारखंड में किसी भी कीमत पर भूमि अधिग्रहण बिल के काला कानून को लागू नहीं होने दिया जायेगा.
इसके लिए प्रखंड से लेकर दिल्ली तक आंदोलन किया जायेगा. धरना देने वाले लोगों में सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, वासवी किड़ो, सपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोहर यादव, राजद के कैलाश यादव समेत विभिन्न संगठनों के नेता, कार्यकर्ता उपस्थित थे. सभा का संचालन झाविमो नेता सुनील साहु ने किया.
झारखंड के हक के लिए मिल कर लड़ें लड़ाई : बाबूलाल
झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य की जनता ने ठान लिया है कि झारखंड में भूमि अधिग्रहण बिल को लागू नहीं होने देंगे. केंद्र सरकार जनता की आवाज को दबाने के लिए आंदोलनकारियों के खिलाफ कानून ला रही है. लेकिन उसे पता नहीं है कि झारखंड की जनता इससे घबराने वाली नहीं है.
आंदोलनकारी जेल जाने को तैयार है. झारखंड का इतिहास भी इसका गवाह रहा है. झारखंड के हक के लिए हमें मिल कर लड़ाई लड़नी है. उन्होंने कहा कि झारखंड बना तो लगा कि यहां के लोगों को भागीदारी मिलेगी. यहां पर जन्मे व पढ़े लिखे लोगों को सरकारी सेवाओं में अवसर मिलेंगे, लेकिन सरकार यहां के स्थानीय को मूल अधिकार से वंचित करना चाहती है. दिल्ली में बैठे लोग झारखंड को चला रहे हैं. रघुवर दास, अमित शाह के दास बन कर रह गये हैं.
लागू नहीं होने देंगे भूमि अधिग्रहण बिल : मेहता
सीपीआई नेता भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल किसानों के लिए काल है. इसे किसी भी कीमत में लागू नहीं होने दिया जायेगा. नरेंद्र मोदी सरकार लोगों को झांसा देकर बिल को लागू करना चाहती है.
विरोध नहीं हो इसको लेकर भी कानून ला रही है. सरकार की इस मंशा को सफल नहीं होने दिया जायेगा. झारखंड में पहले से ही 28 लाख लोग विस्थापित हो गये हैं. वे अपने अधिकार को लेकर आज भी लड़ाई लड़ रहे हैं. सरकार एक बार फिर लोगों की जमीन लेकर उन्हें विस्थापित करने की योजना बना रही है.
सबसे घातक है भूमि अधिग्रहण बिल : बंधु
झारखंड जनाधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल झारखंड के लिए सबसे घातक है. केंद्र सरकार पेसा, सीएमटी कानून को अनदेखी कर यहां के स्थानीय लोगों की जमीन हड़पना चाहती है. सरकार कहती है कि हॉस्पिटल और स्कूल बनाने के लिए जमीन चाहिए.
देश में पहले से ही लाखों की संख्या में स्कूल व अस्पताल हैं. पहले उसे दुरुस्त करने की जरूरत है. देश में रेलवे और रक्षा मंत्रलय को लेकर अधिग्रहीत की गयी सैकड़ों एकड़ जमीन खाली पड़ी है. अगर सरकार को जरूरत है, तो पहले इसका इस्तेमाल करे. सरकार कॉरपोरेट घरानों और पूंजीपतियों के लिए किसानों की जमीन लूटना चाहती है.
कॉरपोरेट घरानों की गोद में सरकार : प्रदीप
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि केंद्र की सरकार कॉरपोरेट घरानों की गोद में खेल रही है. अंबानी, अडाणी, जिंदल, मित्तल जैसे कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रच रही है. अगर यह कानून लागू हो गया तो झारखंड का नामो निशान मिट जायेगा. रघुवर सरकार भी केंद्र के इशारे पर काम कर रही है.
केंद्र ने ही अपने पंसद के अफसर यहां भेजे हैं, ताकि साजिश को अंजाम तक पहुंचाया जा सके. स्थानीय नीति को लेकर ताल ठोकने वाले मुख्यमंत्री रघुवर दास की बोलती बंद हो गयी है. अगर स्थानीय नीति को लागू किये बिना बहाली की गयी तो जन आंदोलन किया जायेगा.
छलने का काम कर रही भाजपा सरकार : जलेश्वर
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने जनता को छलने और ठगने का काम किया है.
महंगाई और अच्छे दिनों का वादा करने वाली सरकार की पोल खुल गयी है. इस सरकार में जनता नहीं, कॉरपोरेट घरानों के लिए अच्छे दिन आये हैं. सरकार एक बार फिर से कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए भूमि अधिग्रहण बिल लाना चाहती है. राज्य में इस काला कानून को लागू नहीं होने दिया जायेगा.

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