30 सितंबर को राजस्व प्राप्तियों का आकलन किया जायेगा. नौ अक्तूबर 2015 को राजस्व विभागों के साथ इस मुद्दे पर बैठक होगी. 15 सिंतबर 2015 को चालू वित्तईय वर्ष 2015-16 के बजट का पुनरीक्षण होगा. दो से छह नवंबर 2015 को 2016-17 के लिए सामान्य बजट का आकलन किया जायेगा. नौ नवंबर से 30 नवंबर तक के बीच गैर योजना के मुद्दे पर संबंधित विभागों के साथ बैठक होगी. सात से 11 दिसंबर 2015 के बीच नयी योजनाओं की सूची बनायी जायेगी. 15 दिसंबर को केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर विचार विमर्श किया जायेगा.
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मार्च में अधिक निकासी पर वित्त सचिव ने लगायी पाबंदी
रांची: वित्त सचिव अमित खरे ने बेहतर वित्तीय प्रबंधन के उद्देश्य से मार्च माह में की जानेवाली अधिक निकासी पर पाबंदी लगा दी है. उन्होंने मार्च माह में 15 प्रतिशत से अधिक की निकासी पर पाबंदी लगायी है. साथ ही यह भी कहा है कि इस सीमा से अधिक की निकासी की जरूरत होने पर […]
रांची: वित्त सचिव अमित खरे ने बेहतर वित्तीय प्रबंधन के उद्देश्य से मार्च माह में की जानेवाली अधिक निकासी पर पाबंदी लगा दी है. उन्होंने मार्च माह में 15 प्रतिशत से अधिक की निकासी पर पाबंदी लगायी है. साथ ही यह भी कहा है कि इस सीमा से अधिक की निकासी की जरूरत होने पर वित्त विभाग की सहमति आवश्यक होगी. वित्त विभाग की सहमति के बिना 15 प्रतिशत की सीमा से अधिक की निकासी नहीं की जा सकेगी.
वित्त सचिव द्वारा जारी किये गये आदेश के आलोक में कोई विभाग एक अप्रैल से 30 सितंबर तक अपने योजना बजट का 50 प्रतिशत खर्च सकेगा. एक अक्तूबर से 31 मार्च तक शेष 50 प्रतिशत राशि खर्च सकेगा. हालांकि कोई विभाग वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में 15 प्रतिशत से अधिक की निकासी नहीं कर सकेगा. वित्त सचिव ने अगले वित्तीय वर्ष 20016-17 का बजट तैयार करने कैलेंडर तैयार किया है. इसके तहत 2016-17 का बजट बनाने का काम सितंबर 2015 से शुरू हो जायेगा.
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