एचइसी ने पहले ही रैयतों को ठगा है. राज्य सरकार मरहम लगाने के बजाय एक बार फिर जमीन छीनने की साजिश कर रही है. पूर्व की सरकार ने भी कहा था कि विश्वास की नींव पर विधानसभा बनेगी. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समय भी निर्माण कार्य शुरू हुआ था, लेकिन बाद में रोका गया. तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा था कि विधानसभा निर्माण से होने वाले विस्थापितों को अच्छा पैकेज दिया जायेगा. पूर्व मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा ने कहा था कि विस्थापितों के साथ बिना समझौते के एक ईंट नहीं रखी जायेगी. पूर्व विधायक श्री तिर्की पत्रकारों से बात कर रहे थे. उनके साथ सामाजिक कार्यकर्ता वासवी किड़ो भी मौजूद थीं.
श्री तिर्की ने कहा कि अगर वर्तमान सरकार विस्थापितों को न्याय नहीं देती है, तो उसका विरोध किया जायेगा. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य शुरू किया गया, तो गुरुवार की रात से ही निर्माण स्थल पर डेरा डाल दिया जायेगा. सरकार लाठी-गोली चलाये, लेकिन 12 जून को शिलान्यास नहीं होने दिया जायेगा. बुधवार की शाम श्री तिर्की और श्रीमती किड़ो विस्थापितों के साथ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार से मिले. प्रधान सचिव से मिल कर विस्थापितों के लिए पुनर्वास पैकेज की घोषणा करने की मांग की गयी. तिरिल, लाबेद, कुटे, नया सराय, मुड़मा, आनी के विस्थापितों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर पुनर्वास और न्याय देने की मांग की है.