पथ निर्माण विभाग ने हाइकोर्ट में दाखिल की रिपोर्ट, वन विभाग की अनुमति से कटे हैं 71 पेड़

रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस पीपी भट्ट ने बुधवार को पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा पेश किये गये दस्तावेज को देखने के बाद सड़क चौड़ीकरण अथवा विकास के नाम पर अगले आदेश तक हरे-भरे वृक्षों की कटाई पर रोक लागू रखा. अगले आदेश तक वृक्ष नहीं काटे जायेंगे. इस बीच कोर्ट को बताया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2015 6:28 AM
रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस पीपी भट्ट ने बुधवार को पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा पेश किये गये दस्तावेज को देखने के बाद सड़क चौड़ीकरण अथवा विकास के नाम पर अगले आदेश तक हरे-भरे वृक्षों की कटाई पर रोक लागू रखा. अगले आदेश तक वृक्ष नहीं काटे जायेंगे. इस बीच कोर्ट को बताया गया कि वन विभाग की अनुमति से 71 पेड़ काटे गये हैं.
इस मामले को देखने के लिए कुछ देर के लिए जस्टिस भट्ट हाइकोर्ट स्थित अपने चेंबर में पहुंचे थे. उन्होंने अपने चेंबर में ही आदेश पर हस्ताक्षर किया. जस्टिस भट्ट ने मुख्य सचिव, राज्य सरकार, पथ निर्माण विभाग के सचिव, पथ के मुख्य अभियंता, कार्यपालक अभियंता, एसडीओ आदि को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 17 जून की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व कार्यपालक अभियंता सहित अन्य अधिकारियों ने रजिस्ट्रार जनरल अनिल कुमार चौधरी के समक्ष सड़क चौड़ीकरण से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किया. इसमें बताया गया कि राजेंद्र चौक से लेकर बिरसा चौक तक के सड़क चौड़ीकरण के लिए वन विभाग ने 193 पेड़ काटने की अनुमति दी है. अब तक 71 पेड़ काटे जा चुके हैं. अंडरटेकिंग दी गयी कि जब तक अनुमति नहीं दी जाती है, तब तक पेड़ नहीं काटेंगे.
गौरतलब है कि राजेंद्र चौक-बिरसा चौक के बीच हिनू में हरे वृक्ष काटे जा रहे थे. नौ जून की रात में जस्टिस भट्ट वहां से गुजर रहे थे. इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल को संबंधित अधिकारियों को बुलाने का निर्देश दिया. रात में ही उन्होंने मामला सुना तथा वृक्षों की कटाई पर रोक लगाते हुए इस पर रिपोर्ट मांगी थी.

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