रांची: राज्य के सभी पांच विश्वविद्यालयों में कैंपस डेवलपमेंट, इ-लाइब्रेरी, कंप्यूटराइजेशन, दूरस्थ शिक्षा केंद्र व लैब अपग्रेडेशन सहित एडवांस्ड साइंस एंड टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर की स्थापना का काम लगभग ठप है. उच्च शिक्षा के लिए जरूरी संरचना निर्माण में देर हो रही है. रांची विवि सहित विनोबा भावे विवि हजारीबाग, नीलांबर-पीतांबर विवि डालटेनगंज, कोल्हान विवि […]
रांची: राज्य के सभी पांच विश्वविद्यालयों में कैंपस डेवलपमेंट, इ-लाइब्रेरी, कंप्यूटराइजेशन, दूरस्थ शिक्षा केंद्र व लैब अपग्रेडेशन सहित एडवांस्ड साइंस एंड टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर की स्थापना का काम लगभग ठप है. उच्च शिक्षा के लिए जरूरी संरचना निर्माण में देर हो रही है.
रांची विवि सहित विनोबा भावे विवि हजारीबाग, नीलांबर-पीतांबर विवि डालटेनगंज, कोल्हान विवि चाईबासा व सिदो-कान्हू विवि दुमका कैंपस में शिक्षक व भवन जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. चार वर्ष पहले बनी इन योजनाओं के लिए हर वर्ष बजट का प्रावधान किया जाता है. कोल्हान विवि के सरायकेला कॉलेज के अलावा विवि प्रशासन ने इन योजनाओं के लिए पहल ही नहीं की या फिर केवल टेंडर निकाल कर चुप्पी साध ली.
शिक्षकों के सैकड़ों पद रिक्त : नीलांबर-पीतांबर विवि का अपना कोई कैंपस ही नहीं है. 8-10 कमरों में विवि चल रहा है. चार सरकारी व 22 अंगीभूत कॉलेजवाले इस विवि में कुल 60 हजार विद्यार्थी हैं. शिक्षकों के 135 पद में से 110 रिक्त हैं. विवि को अब तक तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारी नहीं मिले हैं. रांची विवि से इसे कर्मचारी मिलना था. इधर, कोल्हान विवि में 82 हजार विद्यार्थी हैं. यहां शिक्षकों के लगभग 700 सृजित पद हैं, लेकिन सिर्फ 356 शिक्षक कार्यरत हैं. दूसरे विवि का भी यही हाल है.