नहीं मिला फरार कैदी विनोद बिहारी का सुराग, डीजीपी पहुंचे कोर्ट हाजत सुरक्षा का लिया जायजा

रांची: सिविल कोर्ट परिसर से मंगलवार को फरार कैदी विनोद बिहारी का कुछ पता नहीं चल पाया. इधर, बुधवार को कोर्ट परिसर में सुरक्षा की स्थिति की जांच करने डीजीपी डीके पांडेय पहुंचे. वह दिन के 12.47 बजे सिविल कोर्ट पहुंचे और सबसे पहले कोर्ट हाजत के अंदर गये. वहां उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2015 6:20 AM
रांची: सिविल कोर्ट परिसर से मंगलवार को फरार कैदी विनोद बिहारी का कुछ पता नहीं चल पाया. इधर, बुधवार को कोर्ट परिसर में सुरक्षा की स्थिति की जांच करने डीजीपी डीके पांडेय पहुंचे. वह दिन के 12.47 बजे सिविल कोर्ट पहुंचे और सबसे पहले कोर्ट हाजत के अंदर गये. वहां उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. वहीं हाजत की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों से बातचीत की.
डीजीपी कोर्ट हाजत से सीजेएम अदालत जानेवाले कॉरिडोर होते हुए सीजेएम दिवाकर पांडेय की अदालत तक गये, लेकिन सीजेएम के नहीं होने के कारण वापस कोर्ट हाजत के पास आये. बाद में उन्होंने पत्रकारों से भी बात की और चले गये.

गौरतलब है कि मंगलवार को पेशी के लिए सीजेएम कोर्ट ले जाते समय विनोद बिहारी सिंह फरार हो गया था. वह निलय इंस्टीटय़ूट के संचालक भीम सिंह मुंडा के अपहरण का भी आरोपी था. पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी ने कहा कि हजारीबाग की घटना के बाद राज्य पुलिस सुरक्षा को लेकर गंभीर है.

डीजीपी ने कहा : राज्य के हर जिले के सिविल कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. डीजीपी के साथ एडीजी एसएन प्रधान, मुख्यालय आइजी एमएस भाटिया, एसएसपी प्रभात कुमार, सिटी एसपी डा जया राय, कोतवाली डीएसपी रणवीर सिंह, इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी विजय सिंह, सार्जेट मेजर टीके झा सहित कई अन्य पदाधिकारी शामिल थे.
सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है: एसएसपी
इससे पहले एसएसपी व सिटी एसपी ने पूरे कोर्ट परिसर की सुरक्षा का जायजा लिया. एसएसपी ने कहा कि कैदी के भागने में सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक नहीं हुई है. कैदी का भागना सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही का नतीजा है. कैदी हथकड़ी सरका कर भाग ही नहीं सकता, क्योंकि नये प्रकार की हथकड़ी को जितना सरकाने का प्रयास किया जायेगा, वह और भी सख्त होता चला जाता है. किसी भी कैदी को पेशी के लिए ले जाने के पूर्व कोर्ट हाजत प्रभारी हथकड़ी को पूरी तरह चेक करता है. उसके बाद ही कैदी को पेशी के लिए भेजा जाता है. हथकड़ी की चाबी भी हाजत प्रभारी के पास होती है.

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