कैबिनेट: आदिम जनजाति परिवारों को राहत देने का प्रयास, अब हर माह 600 रुपये पेंशन

रांची: कैबिनेट ने आदिम जनजाति परिवारों को प्रति माह छह सौ रुपये पेंशन देने का फैसला लिया है. मेकन का मनोनयन कर उसे कारपोरेट पावर लिमिटेड (अभिजीत ग्रुप की इकाई) के अध्ययन का काम देने का निर्णय किया. दुमका सदर अस्पताल को सरकार के द्वारा ही चलाने की बात कही गयी. बैठक में एसटीएससी, ओबीसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2015 6:24 AM
रांची: कैबिनेट ने आदिम जनजाति परिवारों को प्रति माह छह सौ रुपये पेंशन देने का फैसला लिया है. मेकन का मनोनयन कर उसे कारपोरेट पावर लिमिटेड (अभिजीत ग्रुप की इकाई) के अध्ययन का काम देने का निर्णय किया. दुमका सदर अस्पताल को सरकार के द्वारा ही चलाने की बात कही गयी. बैठक में एसटीएससी, ओबीसी छात्रों के कौशल विकास के लिए और 25 कल्याण स्कूल खोलने पर भी सहमति बनी. हालांकि राज्य में पहले से ही चार कल्याण स्कूल चल रहे हैं.

विधानसभा के सभी सचेतकों को एक-एक (बाह्य कोटा) आप्त सचिव रखने की अनुमति भी दी गयी. राज्य के 65 हजार आदिम जनजाति परिवारों को प्रतिमाह छह सौ रुपये पेंशन देने पर सरकार को प्रति वर्ष 64.80 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन करते हुए प्राथमिकी शिक्षकों की नियुक्ति की उम्र सीमा में सात वर्ष की छूट दी जायेगी. एसटी, एसटी व ओबीसी छात्रों के कौशल विकास के लिए एसपीवी (स्पेशल परपस वेहिकल) बनाया जायेगा.

कॉरपोरेट पावर लिमिटेड मामले में मेकन को कंसल्टेंसी के रूप में 34.05 लाख रुपये का भुगतान करना होगा. 8.44 करोड़ के भुगतान पर 165.10 एकड़ जमीन गृह विभाग के माध्यम से सीआरपीएफ को हस्तांतरित किया जायेगा. सरकार ने हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड से मुसाबनी की यह जमीन ली थी.
एसटी-एससी, ओबीसी छात्रों के कौशल विकास के लिए और 25 कल्याण स्कूल खोलने पर भी सहमति बनी
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