राज्य मद से बढ़ेगा मानदेय

रांची: राज्य के स्कूलों में बच्चों का मध्याह्न् भोजन बनाने वाली माता समिति (रसोइयों) के सदस्याओं के मानदेय में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है. मानव संसाधन विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट में केंद्र सरकार से इसकी अनुशंसा की थी. केंद्र सरकार ने राशि की कमी बताते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2013 6:34 AM

रांची: राज्य के स्कूलों में बच्चों का मध्याह्न् भोजन बनाने वाली माता समिति (रसोइयों) के सदस्याओं के मानदेय में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया है. मानव संसाधन विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट में केंद्र सरकार से इसकी अनुशंसा की थी. केंद्र सरकार ने राशि की कमी बताते हुए मानदेय में बढ़ोतरी से इनकार कर दिया. राज्य ने केंद्र को एक हजार रुपये की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था.

केंद्र की असहमति के बाद राज्य सरकार ने अपने स्तर पर रसोइयों के मानदेय में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है. राज्य सरकार अपने मद से मानदेय में पांच सौ रुपये की बढ़ोतरी करेगी. शिक्षा मंत्री के निर्देश पर विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव तैयार किया है. विभागीय मंत्री की स्वीकृति के बाद इसे वित्त विभाग को भेजा जायेगा. वित्त की सहमति के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में रखा जायेगा.

केंद्र देता है 65 फीसदी राशि
माता समिति के मानदेय के लिए 65 फीसदी राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है. 35 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. केंद्र के इनकार करने की स्थिति में राज्य सरकार को बढ़ोतरी की पूरी राशि देनी होगी.

रसोइयों की मांग
स्कूलों में खाना बनाने वाली रसोइया प्रतिदिन 199 रुपये के हिसाब से मानदेय देने की मांग कर रही हैं. इसके अलावा साल में दो पोशाक, पांच लाख रुपये का जीवन बीमा, विद्यालय में किचन शेड बनाने की भी मांग कर रही हैं.

80 हजार सदस्य
वर्तमान में स्कूल में खाना बनाने वाली माता समिति की सदस्यों को प्रति माह एक हजार रुपये मिलते है. मानदेय वर्ष में 10 माह के लिए दिये जाते हैं. राज्य के लगभग 42 हजार प्राथमिक व मध्य विद्यालय में लगभग 85 हजार माता समिति की सदस्य हैं, जिसमें से वर्तमान में लगभग 80 हजार कार्यरत है.

माता समिति का काम
माता समिति की सदस्याओं पर ही स्कूल में बच्चों को खाना खिलाने की जिम्मेदारी होती है. सदस्य चावल-दाल की साफ सफाई, किचेन की सफाई, खाना बनाने, बच्चों को खाना खिलाने से लेकर बरतन साफ करने तक का काम करती हैं. स्कूल में 10 बजे से लेकर स्कूल बंद होने तक ये काम करती रहती हैं.

Next Article

Exit mobile version