रांची विवि में इस सत्र से शुरू नहीं होगी दूरस्थ शिक्षा
यूजीसी ने कहा, नया रेगुलेशन बनने के बाद ही अब मिलेगी स्वीकृतिराज्य सरकार ने केंद्र की स्थापना के लिए दिये 25 लाख रुपयेमुख्य संवाददातारांची : रांची विवि में इस सत्र से दूरस्थ शिक्षा शुरू नहीं हो सकेगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रांची विवि को पत्र भेज कर स्पष्ट कर दिया है कि नया रेगुलेशन […]
यूजीसी ने कहा, नया रेगुलेशन बनने के बाद ही अब मिलेगी स्वीकृतिराज्य सरकार ने केंद्र की स्थापना के लिए दिये 25 लाख रुपयेमुख्य संवाददातारांची : रांची विवि में इस सत्र से दूरस्थ शिक्षा शुरू नहीं हो सकेगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रांची विवि को पत्र भेज कर स्पष्ट कर दिया है कि नया रेगुलेशन बनने के बाद ही विवि को दूरस्थ शिक्षा के तहत पढ़ाई शुरू करने की अनुमति मिलेगी. यूजीसी ने फिलहाल रेगुलेशन बनाने के लिए कंसलटेंट बहाल किया है. रांची विवि ने जनवरी 2015 में दूरस्थ शिक्षा के तहत सत्र 2015 से कोर्स शुरू करने की इजाजत मांगी थी, इसके आलोक में ही यूजीसी ने विवि को जवाब भेज दिया है. इधर झारखंड सरकार ने दूरस्थ शिक्षा के लिए आधारभूत संरचना व कोर्स बनाने के लिए कुल 50 लाख रुपये में से प्रथम किस्त के रूप में 25 लाख रुपये विवि को उपलब्ध करा दिये हैं. विवि में इसे चलाने के लिए विवि की ओर से सीसीडीसी डॉ पीके सिंह को निदेशक बनाया गया है. विवि ने दूरस्थ शिक्षा केंद्र मोरहाबादी स्थित मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंटीग्रेशन भवन में ही खोला है. इस केंद्र के माध्यम से प्रथम चरण में हिंदी, अंगरेजी, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र व वाणिज्य विषय में स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई आरंभ होगी. दूरस्थ शिक्षा आरंभ होने से इन विषयों में वैसे लोग डिग्री हासिल कर सकते हैं, जो रेगुलर क्लास नहीं कर सकते या फिर विवि में सीमित सीटें रहने के कारण नामांकन नहीं ले पा रहे हैं. यूूजीसी से स्वीकृति मिलने के बाद विवि द्वारा अगले चरण में कुछ प्रैक्टिकल वाले विषय भी शामिल करने की योजना है.