एनआरआइ के लिए एफडीआइ नीति मंे ढील अधिसूचित

नयी दिल्ली. प्रवासी भारतीयांे (एनआरआइ) ओसीआइ और पीआइओ द्वारा देश में किये जानेवाले ऐसे निवेश को अब घरेलू निवेश माना जायेगा जिसे वापस बाहर नहीं ले जाया जायेगा. ऐसे निवेश पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की सीमा लागू नहीं होगी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को यह बात कही. एक प्रेस नोट मंे कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2015 12:06 PM

नयी दिल्ली. प्रवासी भारतीयांे (एनआरआइ) ओसीआइ और पीआइओ द्वारा देश में किये जानेवाले ऐसे निवेश को अब घरेलू निवेश माना जायेगा जिसे वापस बाहर नहीं ले जाया जायेगा. ऐसे निवेश पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की सीमा लागू नहीं होगी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को यह बात कही. एक प्रेस नोट मंे कहा गया है कि सरकार ने एनआरआइ, पीआइओ और ओसीआइ द्वारा निवेश से संबंधित एफडीआइ नीति की समीक्षा की. एफडीआइ नीति में प्रवासी भारतीय की परिभाषा को संशोधित करने का फैसला किया गया है. साथ ही एफडीआइ नीति के उद्देश्य के तहत, एनआरआइ द्वारा फेमा नियमनांे की अनुसूची चार के तहत किया गया निवेश घरेलू निवेश माना जायेगा और उसे निवासियांे द्वारा किये गये निवेश के समान समझा जायेगा. इसमंे कहा गया है कि एनआरआइ मंे भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआइ) ओर भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआइओ) भी शामिल होंगे.

Next Article

Exit mobile version