इन्होंने दिया शादी का अनोखा विज्ञापन – जेंडर, एचआइवी नो बार
एजेंसियां, नयी दिल्लीलड़की की उम्र 31 साल. अंगरेजी साहित्य से स्नातक. पुणे से एमबीए. बढि़या नौकरी. लड़की ट्रांसजेंडर कम्युनिटी से है और एचआइवी पॉजिटिव है. जेंडर और एचआइवी नो बार. ऐसा विज्ञापन आपने कभी शायद ही देखा हो. दरअसल यह विज्ञापन दिया है नयी दिल्ली की अमृता अल्पेश सोनी ने. अंगरेजी अखबार द टेलीग्राफ में […]
एजेंसियां, नयी दिल्लीलड़की की उम्र 31 साल. अंगरेजी साहित्य से स्नातक. पुणे से एमबीए. बढि़या नौकरी. लड़की ट्रांसजेंडर कम्युनिटी से है और एचआइवी पॉजिटिव है. जेंडर और एचआइवी नो बार. ऐसा विज्ञापन आपने कभी शायद ही देखा हो. दरअसल यह विज्ञापन दिया है नयी दिल्ली की अमृता अल्पेश सोनी ने. अंगरेजी अखबार द टेलीग्राफ में छपी खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र के सोलापुर की अमृता बताती हैं कि पहले छह माह में कई आवेदन आ चुके हैं.माता-पिता ने घर से निकालाअमृता जब 16 साल की थीं, तब माता-पिता ने घर से निकाल दिया. इसके बाद उनके चाचा ने शोषण किया. मजबूर होकर उन्हें किन्नरों के बैंड में शामिल होना पड़ा. कुछ साल बाद लिंग परिवर्तन करवाया, जिससे भारी कर्ज हो गया. अमृता कहती हैं, कर्ज चुकाने के लिए मैंने सड़कों पर खुद को बेचना शुरू कर दिया. मेरे साथ कई बार रेप हुआ और उसी दौरान मैं एचआइवी ग्रसित हो गयी. उन्होंने टेलीग्राफ को अपना असली नाम छापने की अनुमति दी है. यही नाम उन्होंने अपने वैवाहिकी विज्ञापन में दिया है.एक जीवनसाथी की तलाशअमृता गैर-सरकारी संगठन हिंदुस्तान लेटेक्स फैमिली प्लानिंग प्रमोशन ट्रस्ट के लिए चंडीगढ़ में एडवोकेसी ऑफिसर हैं. उनके मुताबिक, मैंने करीब छह माह पहले अपना प्रोफाइल अपलोड किया था और अब तक कई प्रपोजल मिल चुके हैं. बकौल अमृता, मैं मानती हूं कि शादी करने पर शारीरिक संबंध नहीं बना पाऊंगी, लेकिन मुझे एक जीवनसाथी की तलाश है. अमृता से शादी की इच्छा जताने वालों में ज्यादातर तलाकशुदा और विधुर हैं. अमृता का मानना है कि इनमें से अधिकांश ट्रांसजेंडर हो सकते हैं, लेकिन समाज की संकीर्ण सोच के चलते खुलकर नहीं बताना चाहते हैं.