निगरानी की जांच में हुआ खुलासा, हजारीबाग से कोयला तस्करी की बात सही

रांची: निगरानी ने अपनी जांच में हजारीबाग से कोयला तस्करी की बात को सही पाया है. कोयला तस्करी से संबंधित आरंभिक जांच रिपोर्ट निगरानी डीएसपी बीबी तिर्की ने तैयार कर आइजी मुरारी लाल मीणा को सौंप दी है. जांच में कोयला तस्करी में एक आइपीएस की भूमिका को संदिग्ध पाते हुए उनकी भूमिका पर सवाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2015 6:32 AM
रांची: निगरानी ने अपनी जांच में हजारीबाग से कोयला तस्करी की बात को सही पाया है. कोयला तस्करी से संबंधित आरंभिक जांच रिपोर्ट निगरानी डीएसपी बीबी तिर्की ने तैयार कर आइजी मुरारी लाल मीणा को सौंप दी है. जांच में कोयला तस्करी में एक आइपीएस की भूमिका को संदिग्ध पाते हुए उनकी भूमिका पर सवाल उठाये गये हैं.

डीएसपी ने कुछ कनीय पुलिस पदाधिकारियों को भी कोयला तस्करी में शामिल होने के लिए जिम्मेवार ठहराया है. निगरानी के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि हजारीबाग से पुलिस की जानकारी में कोयले की तस्करी होती थी. रिपोर्ट में अंतिम निर्णय आइजी को लेना है. रिपोर्ट पर आइजी से सहमति मिलने के बाद मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सरकार से अनुरोध किया जायेगा.

जानकारी के अनुसार हजारीबाग से हुई कोयले की तस्करी की जांच नौ मई, 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर हुई थी. सरकार ने मामले की जांच का आदेश एक गुमनाम आवेदन पत्र के आधार पर दिया था. आवेदन में दो आइपीएस अधिकारी, डीजीपी रैंक के रिटायर्ड एक आइपीएस अधिकारी और उनके रीडर सहित अन्य की भूमिका को कोयला तस्करी में शामिल होने के बारे सरकार को जानकारी दी गयी थी. सरकार को यह भी बताया गया था कि जनवरी, 2013 में तत्कालीन आइजी मुरारी लाल मीणा ने हजारीबाग के टाटी झरिया में छापेमारी की थी, जहां से उन्होंने तीन कोयला कारोबारियों को गिरफ्तार किया था. वहीं नौ ट्रक कोयला और दो बोलेरो गाड़ी भी जब्त की गयी थी. कोयला कारोबारियों को संरक्षण देने के आरोप में विष्णुगढ़ और मुफस्सिल थानेदार को निलंबित भी किया गया.
मांडू के कोयला डिपो में भी निगरानी ने मारा था छापा
निगरानी की टीम ने जांच के दौरान 19 जून, 2014 को मांडू स्थित श्री रामदास हार्ड कोक एवं मिनरल डिपो में अवैध कोयले की भंडार होने की सूचना पर छापेमारी की थी. स्टॉक रजिस्टर की जांच करने पर निगरानी के अधिकारियों को पता चला था कि डिपो में 942 टन कोयला होना चाहिए, लेकिन डिपो में कोयले का भंडार 1829 टन मिला. अर्थात डिपो में कोयले का अवैध भंडार था. इसे लेकर निगरानी ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. डीएसपी की ओर से तैयार रिपोर्ट में अभी सिर्फ हजारीबाग से कोयला तस्करी किये जाने की बात का उल्लेख है. निगरानी के अधिकारियों के अनुसार रामगढ़ मामले में जांच बाद में शुरू होगी.

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