मनरेगा में काम नहीं करेंगे, मिलती है कम मजदूरी
– कांके प्रखंड के निबंधित मनरेगा मजदूरों ने काम करने से किया इनकारवरीय संवाददाता, रांचीमनरेगा में काम नहीं करेंगे, कम मजदूरी मिलती है. इससे अधिक मजदूरी तो दूसरे जगहों पर कार्य करने पर मिलती है. मनरेगा में मजदूरी तो कम मिलती ही है, वो भी समय से नहीं मिलती. यह कहना है कांके प्रखंड के […]
– कांके प्रखंड के निबंधित मनरेगा मजदूरों ने काम करने से किया इनकारवरीय संवाददाता, रांचीमनरेगा में काम नहीं करेंगे, कम मजदूरी मिलती है. इससे अधिक मजदूरी तो दूसरे जगहों पर कार्य करने पर मिलती है. मनरेगा में मजदूरी तो कम मिलती ही है, वो भी समय से नहीं मिलती. यह कहना है कांके प्रखंड के उत्तरी व दक्षिणी क्षेत्र के निबंधित मनरेगा मजदूरों का. मजदूरों ने पिछले दिनों मनरेगा कार्यों के तहत एक बैठक में यह बात कही. बैठक में मुखिया, पंचायत समिति के सदस्य, उप मुखिया व वार्ड सदस्य भी मौजूद थे. बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों, पंचायत समिति एवं ग्रामीणों ने यह माना है कि मनरेगा कार्य में मजदूरी दर कम होने के कारण मजदूरों का अभाव है. जब इसकी सूचना डीडीसी वीरेंद्र सिंह को मिली, तो उन्होंने इसकी जांच करवायी. जांच में सही पाया गया. इधर, डीडीसी को लिखे पत्र में कांके बीडीओ ने बताया कि कांके उत्तरी में मात्र दो ही टोला है और अन्य सरकारी संस्थानों का आवास है. काम नहीं करने को लेकर 15 मनरेगा मजदूरों ने लिखित तौर पर बीडीओ को एक पत्र भी सौंपा है.मनरेगा में निर्धारित दरसरकार की ओर से मनरेगा में निबंधित मजदूरों को काम करने पर प्रतिदिन 162 रुपये मिलते हैं. वर्जन……..कांके के दो पंचायतों की जांच बीडीओ से करायी थी. इसमें मजदूरों ने कहा कि दूसरे प्रखंडों में काम करने से मनरेगा की मजदूरी से ज्यादा मजदूरी मिलती है. सारे मजदूर दूसरे प्रखंडों में काम कर रहे हैं.वीरेंद्र सिंह, डीडीसी रांची