संत राष्ट्र-समाज व धर्म के लिए चिंता करता है

श्रीमद्भागवत महापुराण व श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का समापनलाइफ रिपोर्टर @ रांचीपुरुषोत्तम मास के अवसर पर नामकुम के चटकपुर स्थित त्रिपाठी फार्म हाउस परिसर में सात दिनों से चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण व श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का समापन बुधवार को हुआ. अंतिम दिन वाराणसी के संजय कृष्ण त्रिपाठी ने श्रीमद्भागवत महापुराण पर प्रवचन किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2015 8:04 PM

श्रीमद्भागवत महापुराण व श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का समापनलाइफ रिपोर्टर @ रांचीपुरुषोत्तम मास के अवसर पर नामकुम के चटकपुर स्थित त्रिपाठी फार्म हाउस परिसर में सात दिनों से चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण व श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का समापन बुधवार को हुआ. अंतिम दिन वाराणसी के संजय कृष्ण त्रिपाठी ने श्रीमद्भागवत महापुराण पर प्रवचन किया. श्रीराम कथा पर कथाकार मानस रत्न पंडित कृष्णानंद त्रिपाठी ने कहा कि चिंता का होना स्वाभाविक है. यहां तक की चिंता महर्षि विश्वामित्र को भी हुई है, जो विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक माने जाते थे. जीव की चिंता और संत की चिंता में अंतर यह है कि जीव सांसारिक वस्तु को पाने के लिए चिंता करता है, जबकि संत राष्ट्र-समाज व धर्म के लिए चिंता करता है. समापन कार्यक्रम में काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे. कथा वाचन के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. इस अवसर पर झारखंड हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता व झारखंड स्टेट बार काउंसिल के प्रथम अध्यक्ष रहे पीसी त्रिपाठी, महंत रामशरण दास, सूबेदार सिंह, वीणा त्रिपाठी, जयशंकर, मृणाल कांत उपाध्याय, कर्नल विभूति त्रिपाठी, वाणी समेत चटकपुर व आसपास के गांवों के लोग उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version